केंद्रीय कैबिनेट ने कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश का फैसला टाल लिया है। इसकी मुख्य वजह राजनीतिक सहमति न बन पाना बताया जा रहा है। खासकर, रेल मंत्री ममता बनर्जी कोल इंडिया के विनिवेश का विरोध कर रही हैं। गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद खान मंत्री बी के हांडिक ने मीडिया को यह जानकारी दी। लेकिन उन्होंने विनिवेश का फैसला टालने की कोई वजह अपनी तरफ से नहीं बताई। बता दें कि जहांऔरऔर भी

सरकार अगले पांच सालों में सार्वजनिक क्षेत्र की 35 नई कंपनियों के आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) लाएगी और उन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराएगी। इस तरह के विनिवेश से केंद्र सरकार को कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्यमंत्री अरुण यादव ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में प्रमुख उद्योग संगठन सीआईआई (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के एक समारोह में यह जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहाऔरऔर भी