नए वित्त वर्ष 2012-13 में केंद्र सरकार के 17 बड़े उपक्रम 1.40 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। देश में पहली पंचवर्षीय योजना के दौरान केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों की संख्या मात्र पांच थी। अब तक बढ़कर यह 250 हो गई है। इनमें से इंडियन ऑयल का टर्नओवर देश में सबसे ज्यादा, ओएनजीसी का मुनाफा सबसे ज्यादा, एनटीपीसी सबसे बड़ी सार्वजनिक सेवा कंपनी और कोल इंडिया सबसे ज्यादा बाज़ार पूंजीकरण वाली कंपनी है। इनमें से कुछ कंपनियां दुनियाऔरऔर भी

कोयला मंत्रालय ने जिन 14 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया था, उनमें से छह ब्लॉक संबंधित कंपनियों को वापस लौटा दिए गए हैं। कोयला मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी। जिन छह कोयला ब्लॉकों को लौटाया गया है, उनमें एक दामोदर घाटी निगम, एक तेनुघाट विद्युत निगम व डीवीसी को संयुक्त तौर पर आवंटित ब्लॉक, एक झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड को आवंटित ब्लॉक और तीन एनटीपीसी को आवंटित कोयला ब्लॉक शामिल हैं। अधिकारी नेऔरऔर भी

सरकारी कंपनी एनटीपीसी उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास बिल्हौर में कोयला आधारित बिजली परियोजना लगाएगी। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के चुनाव-क्षेत्र में पड़नेवाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 6600 करोड़ रुपए है। इस पर जनवरी 2012 से काम शुरू हो जाने की उम्मीद है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक इस ताप बिजली परियोजना की क्षमता 3120 मेगावॉट होगी। इस पर अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते से काम शुरू हो जाएगा। हालांकि संयंत्र को कोयला आपूर्तिऔरऔर भी

धूमिल की मशहूर कविता है – एक आदमी रोटी बेलता है। एक आदमी रोटी खाता है। एक तीसरा आदमी भी है जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है। वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है। थोड़े भिन्न अर्थ में कुछ यही अंदाज है पीटीसी इंडिया का। वह न बिजली बनाती है, न खुद बिजली सोखती है। वह सिर्फ बिजली से खेलती है, उसका व्यापार करती है। तार पर बहने और बैटरी में रखी जानेवाली अमूर्त चीजऔरऔर भी

गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड गुजरात सरकार की कंपनी है जिसने इसमें अपनी चार कंपनियों गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, गुजरात एल्कलीज एंड केमिकल्स, गुजरात ऊर्जा विकास निगम और पेट्रोफिल्स को-ऑपरेटिव के जरिए इसकी 58.21 फीसदी इक्विटी ले रखी है। वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी की बिक्री 14.78 फीसदी बढ़कर 1077.95 करोड़ और शुद्ध लाभ 52.60 फीसदी बढ़कर 162.95 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी ने दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 2.50 रुपए (25 फीसदी) लाभांशऔरऔर भी

सरकार ने 14 कोल ब्‍लॉक और एक लि‍ग्‍नाइट कोल ब्‍लॉक का आवंटन रद्द करने का फैसला किया है। कोयला मंत्रालय का कहना है कि इन स्‍थानों पर खनन परि‍योजनाओं का या तो कार्यान्‍वयन नहीं हो रहा था या धीमा कार्यान्‍वयन हो रहा था। इसमें निजी कंपनियों के दो और सरकारी कंपनियों के 12 कोल ब्लॉक शामिल हैं। सरकारी कंपनियों में निरस्त किए गए सबसे ज्यादा पांच कोल ब्लॉक एनटीपीसी के हैं। वैसे, तमाम खनन ब्‍लॉकों की प्रगति‍औरऔर भी

देश की दस सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण में पिछले हफ्ते 21,720.56 करोड़ रुपए की कमी आई। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) सबसे ज्यादा नुकसान में रही। सप्ताह के दौरान ओएनजीसी का बाजार पूंजीकरण 9,796.02 करोड़ रुपए घटकर 2,30,869.63 करोड़ रुपए पर आ गया। सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के बाजार पूंजीकरण में सप्ताह के दौरान 6,481.81 करोड़ रुपए की गिरावट आई और यह घटकर 1,68,880.27 करोड़ रुपए रह गया।औरऔर भी

विदेशी निवेशक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विश्वास जता रहे हैं। कोल इंडिया, पावरग्रिड कॉरपोरेशन और एनटीपीसी जैसी नौ कंपनियों में हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हिस्सेदारी बढ़ी है। पिछले दो साल में आईपीओ लानेवाली 11 सरकारी कंपनियों की शेयरधारिता के ताजा आंकड़ों के अनुसार नौ कंपनियों में चालू वित्त वर्ष 2010-11 की दिसंबर तिमाही में सितंबर तिमाही के मुकाबले एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि, ऑयल इंडिया और इंजीनियर्स इंडिया में एफआईआईऔरऔर भी

बाजार पर आज कम से कम दोपहर तक हाउसिंग लोन घोटाले का असर छाया रहेगा। लेकिन लंबे निवेश की चाह में लगे लोगों के लिए यह घोटाला कोई ऐसा मसला नहीं है जिससे डरकर भाग लिया जाए। गिरावट के ऐसे मौके तो अच्छे शेयरों को सस्ते में पकड़ने के लिए ही होते हैं। ऐसा ही सस्ता शेयर है टेक्नोफैब इंजीनियरिंग का। उसे कल ही 30 करोड़ रुपए का नया ऑर्डर मिला है। इससे ठीक पंद्रह दिन पहलेऔरऔर भी

राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति की मैली चादर में अब छेद भी होने लगे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों, एनटीपीसी और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ने इन खेलों की स्पांसरशिप के लिए पहले वादा किए गए 60 करोड़ रुपए में से बाकी बचे 40 करोड़ रुपए नहीं देने का फैसला किया है। दोनों कंपनियों के निदेशक बोर्ड ने अपनी-अपनी अलग बैठकों में बुधवार को यह निर्णय लिया। गौरतलब है कि 3 से 14 अक्टूबर तक होनेवालेऔरऔर भी