कोयला मंत्रालय ने जिन 14 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया था, उनमें से छह ब्लॉक संबंधित कंपनियों को वापस लौटा दिए गए हैं। कोयला मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी। जिन छह कोयला ब्लॉकों को लौटाया गया है, उनमें एक दामोदर घाटी निगम, एक तेनुघाट विद्युत निगम व डीवीसी को संयुक्त तौर पर आवंटित ब्लॉक, एक झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड को आवंटित ब्लॉक और तीन एनटीपीसी को आवंटित कोयला ब्लॉक शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि हमने छह कोयला ब्लॉक इस शर्त के साथ लौटाए हैं कि उन्हें दो साल के भीतर विकसित कर दिया जाएगा, अन्यथा उन्हें फिर से वापस ले लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने तय अवधि के भीतर आवंटित कोयला खदानों का विकास नहीं होने पर 14 खदानों या ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया था। अतिरिक्त सचिव (कोयला मंत्रालय) जोहरा चटर्जी की अध्यक्षता में गठित समिति निजी इस्तेमाल के लिए कंपनियों को आवंटित की गई कोयला खदानों के विकास से जुड़े मुद्दों को देख रही है।
कोयला मंत्रालय ने एनटीपीसी से चट्टी बरियातू, केरानदरी, ब्रह्मणि और चिचिरो पतसिमाल कोयला ब्लॉकों को वापस ले लिया था। बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इसके बाद कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।