सरकार उन्नीस दिनों से चल रही सर्राफा व्यापारियों की देशव्यापी हड़ताल के आगे झुकती नजर आ रही है। उसने बुधवार को घोषित किया कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी शुक्रवार, 6 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रमुख शहरों के आभूषण निर्माताओं के प्रतिनिधियों से मिलेंगे। संबंधित संस्‍थाओं से इस बैठक के लिए अपने दो प्रतिनिधियों को मनोनीत करने को कहा गया है। संकेत इस बात का है कि अनब्रांडेड आभूषणों पर लगाई गई एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी वापसऔरऔर भी

भारतीय मानक ब्‍यूरो (बीआईएस) ने जनवरी 2012 तक सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए 9156 और चांदी के आभूषणों के लिए 537 लाइसेंस जारी किए हैं। देश में जल्दी ही सोने व चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग जरूरी करने का प्रस्ताव है। बीआईएस की योजना आभूषणों की परख करने और हॉलमार्क लगाने के केंद्रों के लिए लाइसेंस जारी करने की भी है ताकि छोटे स्वर्णकार वहां से अपने आभूषणों की हॉलमार्किंग करवा सकें। ब्‍यूरो 31 जनवरीऔरऔर भी

भारत से दो साल बाद मुक्त होनेवाला चीन छह दशकों के सफर में तमाम क्षेत्रों में आगे बढ़ चुका है। फिर भी लोकतंत्र ही नहीं, सोने की मांग तक में वह भारत को मात नहीं दे सका। लेकिन भारत अब पहली बार अपनी इस पारंपरिक श्रेष्ठता में भी चीन से पिछड़ गया है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011 की आखिरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में भारत में सोने की खपत 173औरऔर भी

मेरा ही नहीं, सभी का अनुभव यही कहता है कि शेयर बाजार में जो सही वक्त पर बेच नहीं पाता, वह कभी सचमुच का धन नहीं बना पाता। हो सकता है कि वह अपना पोर्टफोलियो देख-देखकर मगन होता रहे, लेकिन किसी दिन अचानक उसे पता चलता है कि जहां उसे अच्छा-खासा फायदा हो रहा था, वहां उसे तगड़ा घाटा होने लगा है। बेचना कब है, यह अपनी जरूरत और विवेक के हिसाब से तय करना चाहिए। ब्रोकरोंऔरऔर भी

सोने की कीमतें आम आदमी की पहुंच से दूर होने के बावजूद स्वर्ण आभूषणों के कारोबार में लगी कंपनियां अक्षय तृतीया पर ग्राहकों को छूट की झड़ी से लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं। इस बार अक्षय तृतीया 6 मई को पड़ रही है और उस दिन शुक्रवार है। इसलिए भी इसका महत्व बढ़ गया है। अक्षय तृतीया पर कुछ कंपनियां स्वर्ण आभूषणों को बनाने के शुल्क में छूट दे रही हैं तो कुछ हीराऔरऔर भी

रेनेसां ज्वेलरी का आईपीओ नवंबर 2007 में आया था और उसके शेयर 150 रुपए मूल्य पर जारी किए गए थे। 12 दिसंबर 2007 को लिस्टिंग के दिन यह 190 रुपए तक चला गया। लेकिन इस समय इसका भाव 73 रुपए चल रहा है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 95.40 रुपए (6 मई 2010) और न्यूनतम स्तर 39.60 रुपए (5 नवंबर 2009) रहा है। कंपनी अभी तक अपने लगभग सारे जेवरात अमेरिका को निर्यात करती रही हैऔरऔर भी

इस साल जून तक के छह महीनों में देश में सोने की मांग 365 टन रही है जो पिछले साल की पहली छमाही की मांग 188.4 टन से 94 फीसदी अधिक है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू साल 2010 की पहली छमाही में भारत में सोने के निवेश में 264 फीसदी की जबरदस्त वृद्धि हुई है। साल 2009 में जून तक सोने में किया गया निवेश 25.4 टन था,औरऔर भी

सरकार सोने-चांदी से लेकर प्लैटिनम के तक के आभूषणों के लिए हॉलमार्किग को जरूरी बनाने जा रही है। इसे पहले महानगरों से शुरू किया जाएगा। फिर बड़े शहरों से होते हुए छोटे शहरों तक पहुंचा जाएगा। हॉलमार्किग की पद्धति देश में साल 2001 से अपना ली गई है। लेकिन अभी तक इसे स्वैच्छिक ही रखा गया है। इधर जिस तरह देश में आभूषणों की खपत बढ़ रही है और ग्राहकों की तरफ से घोषित शुद्धता का आभूषणऔरऔर भी