एचडीएफसी बैंक धंधे के मामले में देश में निजी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। आईसीआईसीआई बैंक इससे ऊपर है। लेकिन बाजार पूंजीकरण में यह उससे भी ऊपर है। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण इस वक्त 1,02,320 करोड़ रुपए है, वहीं आईसीआईसीआई बैंक का 89,762 करोड़ रुपए। दोनों ही बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में शामिल शेयर हैं। लेकिन जिस तरह अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की कुदृष्टि हमारे बैंकिंग सेक्टर पर पड़ी है, उसमें हो सकता हैऔरऔर भी

कल बाजार ने ज्यादा गिरावट को संभाल लिया और आज सुबह से बढ़ना शुरू हुआ तो लगातार बढ़ता ही गया। आज निफ्टी 2.81 फीसदी बढ़कर 4971.25 और सेंसेक्स 2.95 फीसदी बढ़कर 16,524.03 पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार के इस बर्ताव में जबरदस्त अचंभे का तत्व है जिसे देखने-समझने की जरूरत है। मैं आपको बताता रहा हूं कि अभी के दौर में बाजार का आगे बढ़ना बेहद मुश्किल है क्योंकि दुनिया के बाजारों के साथ ही भारतीयऔरऔर भी

देश में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक आईसीआईसीआई बैंक चालू वित्त वर्ष के दौरान पांच से छह हजार नई भर्तियां करेगा। बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि हमारा कारोबार सालाना 18 से 20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। हम कुछ नई शाखाएं खोल रहे हैं। उम्मीद है कि हम इस साल पांच से छह हजार नए लोगों को नियुक्त करेंगे। उन्होंने कहाऔरऔर भी

मंदड़ियों के खेमे व सोच में कुछ ऐसी तब्दीलियां हुई हैं जिनके चलते 5000 को अब समर्थन का मजबूत स्तर मान लिया है। यानी, माना जा रहा है कि निफ्टी के अब इससे नीचे जाने की गुंजाइश बेहद कम है। फिर भी अगर मंदड़िए और एफआईआई मिलकर तगड़ी बिकवाली का नया दौर शुरू करते हैं तो बाजार 5000 पर भी नहीं रुकेगा और सीधे टूटकर 4700 तक चला जाएगा। ऐसा होगा या नहीं, यह तो हमें केवलऔरऔर भी

स्पीक एशिया का सिंगापुर में मुख्य बैंक खाता फ्रीज हो चुका है। भारत में उसका अपना कोई पक्का पता-ठिकाना है नहीं तो उसके अपने नाम में कोई बैंक खाता भी नहीं है। लेकिन आयकर विभाग ने स्पीक एशिया से एजेंट, फ्रेंचाइजी या किसी अन्य रूप में जुड़े पूरे तंत्र की जांच शुरू कर दी है। बावजूद इसके स्पीक एशिया आसानी ने भारत का धंधा छोड़ने को तैयार नहीं है और अपने लगभग 20 लाख पैनेलिस्टों को शांतऔरऔर भी

कुछ ही दिनों पहले स्पीक एशिया की तरफ से अपने सभी पैनलिस्ट को बताया गया है कि, “12 मई तक की सभी कैश रिक्वेस्ट उनके बैंक खाते में क्रेडिट की जा चुकी होंगी और बाकी 21 मई तक की कैश रिक्वेस्ट हमारे बैंक ने प्रोसेस कर ली है और अगले हफ्ते किसी वक्त वह आपके खाते में क्रेडिट हो जाएगी।” लेकिन स्पीक एशिया का यह दावा बहुत मुमकिन है कि पूरा ही न हो क्योंकि कई बैंकोंऔरऔर भी

निराशावाद का साया बाजार से हटने को राजी नहीं है। हवा फैलाई जा रही है कि निफ्टी 5000 या 4800 तक भी जा सकता है क्योंकि वह 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) को नीचे में तोड़ चुका है। आज सुबह 10 बजे निफ्टी को तोड़कर 5525 तक ले जाया गया। लेकिन बाद में वह 0.43 फीसदी की बढ़त के साथ 5565.05 पर बंद हुआ। इस दौरान ज्यादातर पंटरों ने भी निफ्टी में 5700 की सीरीज कीऔरऔर भी

एक अच्छी खबर है जो पूंजी बाजार में खुशी ला सकती है। नॉर्थ ब्लॉक के मेरे सूत्रों ने बताया है कि आखिरकार वित्त मंत्रालय ने आईपीओ की लिस्टिंग के पहले दिन होनेवाले खेल पर चिंता जताई है। अमूमन लिस्टिंग के बाद शेयर धड़ाम से गिरते हैं जिससे लाखों-करोड़ों निवेशकों की पूंजी स्वाहा हो जाती है। यहां तक कि सरकार को भी अपनी कंपनियों के आईपीओ रिटेल व असली निवेशकों को बेचने में समस्या होती है। दुखद बातऔरऔर भी

चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक इंटरनेशनल के बैंक रिसर्च प्रमुख पॉल शुल्टे ने ईटी नाऊ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भारतीय बैंकों के स्टॉक्स दुनिया में सबसे महंगे हैं। भारतीय बैंक औसतन 15 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे है, जबकि इंडोनेशिया के बैंक 13 और चीन के बैंक 9 के पी/ई अनुपात पर। पॉल शुल्टे ने एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई को महंगा बताया और एक्सिस बैंक के बारे में कहा कि जो लोगऔरऔर भी

देश की दस सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण में पिछले हफ्ते 21,720.56 करोड़ रुपए की कमी आई। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) सबसे ज्यादा नुकसान में रही। सप्ताह के दौरान ओएनजीसी का बाजार पूंजीकरण 9,796.02 करोड़ रुपए घटकर 2,30,869.63 करोड़ रुपए पर आ गया। सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के बाजार पूंजीकरण में सप्ताह के दौरान 6,481.81 करोड़ रुपए की गिरावट आई और यह घटकर 1,68,880.27 करोड़ रुपए रह गया।औरऔर भी