प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में हर तरफ फैले भ्रष्टाचार को आर्थिक उदारीकरण व सुधारों का नतीजा मानने के बजाय नैतिक ताने-बाने से जुड़ी समस्या करार दिया है। लेकिन आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने उनके हाथ से डिग्री लेने से इनकार कर खुद उनकी नैतिकता पर सवालिया निशान लगा दिया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को कोलकाता में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार आम आदमी के रोजमर्रा केऔरऔर भी

गंभीर मतभेदों और तीखी बयानबाजी के दौर के बाद सरकार और गांधीवादी अण्णा हज़ारे पक्ष के बीच सोमवार को दिल्ली में हुई लोकपाल विधेयक मसौदा समिति की बैठक ‘सौहार्दपूर्ण’ रही। हालांकि, सरकार ने जहां बातचीत में बड़ी प्रगति होने का दावा किया, वहीं हज़ारे पक्ष ने कहा कि मतभेद वाले मुद्दों पर अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है। बैठक का ‘सौहार्दपूर्ण’ माहौल में होना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछली बैठक में गंभीर मतभेद उभरने केऔरऔर भी

गांधीवादी नेता अण्णा हज़ारे ने घोषणा की है कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो वे 16 अगस्त से जंतर मंतर पर ‘देश की आजादी’ की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे। योगगुरू बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को अपने सहयोगियों के साथ राजघाट पर अनशन शुरू करने के बाद दोपहर करीब सवा बारह बजे अपने संबोधन में हज़ारे नेऔरऔर भी

भ्रष्टाचार के खिलाफ जनभावनाओं का प्रतीक बन चुके प्रख्यात सामाजिक अण्णा हजारे ने कहा है कि उनका योगगुरु बाबा रामदेव के साथ कोई मतभेद नहीं है। कल रामदेव ने लोकपाल विधेयक के लिए बनी संयुक्त समिति में पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण दोनों के रखे जाने पर आपत्ति उठाई थी। रामदेव के प्रतिनिधि एस के तिजारावाला ने उलाहना देते हुए कहा था – पिता मुखिया, बेटा सदस्य और केजरीवाल की सीट काऔरऔर भी

अण्णा हजारे के समर्थन में देश भर से भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए उठ रही आवाज का साथ हिंदी के उन साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों ने भी दिया है जो अमूमन गोष्ठियों व सेमिनारों में जुगाली करते रहते हैं। उनका कहना है कि लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए बनने वाली समिति में जनता के बीच से 50 फीसदी लोग होने चाहिए। जानेमाने आलोचक डॉ. नामवर सिंह ने कहा, ‘‘अण्णा हजारे की जन लोकपाल संबंधी मांग बहुतऔरऔर भी

भ्रष्टाचार के खिलाफ अण्णा हजारे के आमरण अनशन को मिल रहा जन-समर्थन तीन दिनों में रंग लाने लगा है। दो दिन पहले तक इस अनशन को अनावश्यक व असामयिक बतानेवाली कांग्रेस के स्वर बदल गए हैं और यूपीए सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए संयुक्त समिति बनाने को तैयार हो गई है। वह इस पर भी तैयार है कि नया लोकपाल विधेयक संसद के आनेवाले मानसून सत्र में पेश कर दिया जाएगा। लेकिन वहऔरऔर भी

72 साल के अण्णा हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम में किसी जवान से भी ज्यादा जोशीले नजर आ रहे हैं। उनका आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी है। कल कांग्रेस ने उनके अनशन को गैरजरूरी और असामयिक करार दिया था। इस पर हजारे का कहना है कि कांग्रेस देश के लोगों को ऐसा कहकर गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन अनावश्यक क्यों है और कैसे यह असामयिक है? 42 सालों से देश को इसऔरऔर भी