स्विटजरलैंड अपनी छवि सुधारने में जुट गया है। दुनिया भर में कालेधन के लिए स्वर्ग व करचोरों की पनाहगाह के रूप में मशहूर स्विटजरलैंड की सरकार ने अपने बैंकों से कालेधन पर निगाह रखने को कहा है। स्विस सरकार का दावा है कि उसके इस निर्देश से कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत जैसे देशों को काफी मदद मिल सकती है।
स्विस सरकार ने अपने बैंकों से कहा कि वह ग्राहकों की गोपनीयता शर्तों को तोड़े बिना उनके खाते में आने वाले उस धन को स्वीकार करने से बचें जिन पर टैक्स न दिया गया हो। देश की शीर्ष नीति निर्माता संस्था स्विस फेडरल काउंसिल का कहना है, ‘‘बैंकों में जमा पूंजी स्वीकार करते समय उसकी जांच-परख का दायरा बढ़ाने की जरूरत है ताकि भारत समेत विदेशी ग्राहकों से कर चोरी वाले धन के मामले में ज्यादा कारगर ढंग से निपटा जा सके।’’
काउंसिल ने कहा, ‘‘ज्यादा ध्यान बैंकों द्वारा धन स्वीकार करते समय आस्तियों की जांच-परख पर दिया जाना चाहिए। विदेशी ग्राहकों से उनकी करदेयता को पूरा करने के बारे में घोषणा संबंधी दस्तावेजों को पूरा किया जाना चाहिए।’’ हालांकि, काउंसिल ने किसी भी देश के साथ खुद-ब-खुद सूचना के आदान-प्रदान के प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि जहां तक संभव हो, बैंक के खाताधारकों की गोपनीयता का सम्मान किया जाना चाहिए।
स्विस बैंकों के बारे में मशहूर है कि वे दुनिया भर में सबसे ज्यादा गोपनीयता बरतते हैं। इसके कारण उनके पास हर देश के भ्रष्ट राजनेता, नौकरशाह व उद्योगपति आकर्षित होते हैं।