सरकार ने सेवा और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क पर समान कर संहिता की संभाव्यता का पता लगाने के वास्ते एम के गुप्ता की अध्यक्षता में एक अध्ययन दल का गठन किया है। यह कदम इस साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप उठाया गया है। अध्ययन दल दो कानूनों को सुसंगत बनाने के सुझाव देगा। मालूम हो कि एम के गुप्ता भारतीय राजस्व सेवा के सेवानिवृत अधिकारी है और सीमा शुल्क और केन्द्रीय उत्पाद निपटारा आयोग के उप-चेयरमैन रह चुके हैं। उनकी अध्यक्षता में बने इस दल को 30 सितंबर 2012 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
अध्ययन दल संभाव्यता का पता लगाएगा और सेवा कर व केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के लिए समान कर संहिता का प्रारूप सुझाएगा ताकि उसे मौजूदा संवैधानिक योजना के तहत लागू किया जा सके। देश में सेवा और वस्तु कर (जीएसटी) को लागू करने की चुनौतियों को देखते हुए यह आवश्यक है। अध्ययन दल को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह टैक्स क्रेडिट से संबंधित मुद्दों पर भी गौर करे, ताकि मौजूदा योजना का सरलीकरण किया जा सके। अध्ययन दल कुछ अन्य उपाय भी सुझा सकता है जिससे जीएसटी को लागू करने की लागत को घटाया जा सके।
बता दें कि श्री गुप्ता सेवा कर और केन्द्रीय उत्पाद कानून व प्रक्रिया में गहरे ज्ञान और समझ के लिए जाने जाते हैं। उन्हें वित्त मंत्रालय में लंबे समय तक काम करने का अनुभव है और वे सेवा व केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के क्षेत्र में भी काफी काम कर चुके हैं। अध्ययन दल अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वाणिज्य और उद्योग संगठनों से मिलेगा और आवश्यकता अनुसार सेवा व उत्पादन क्षेत्र के मान्यता प्राप्त व्यावसायिक और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों की राय जानने की कोशिश करेगा।