सुप्रीम कोर्ट ने सिंगापुर में बैठकर भारत में सर्वे के नाम पर जालबट्टा फैलानेवाली कंपनी स्पीक एशिया को निर्देश दिया है कि वह दो हफ्ते के भीतर 1300 करोड़ रुपए उसके पास जमा करा दे। साथ ही कंपनी को निवेशकों की पूरी जानकारी भी अदालत को सौंपनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दलवीर भंडारी और दीपक वर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को करीब 115 निवेशकों के एक समूह की याचिका पर यह फैसला सुनाया। सुनवाई के बाद कोर्ट इस धन को संबंधित निवेशकों और अधिकारियों को दिलवाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। खंडपीठ ने इस मामले में पहले नियुक्त किए मध्यस्थ से कहा कि वो सुनिश्चित करें कि दो हफ्ते के भीतर निवेशकों की पूरी जानकारी और 1300 करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के पास जमा करा दिए जाएं।
मालूम हो कि स्पीक एशिया ने भारत के करीब 20 लाख निवेशकों से सर्वे के नाम पर छह महीने के 6000 और साल भर के 11,000 रुपए की दर करोड़ों रुपए एकट्ठा किए थे। लेकिन पिछले साल मई में जब मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस में कंपनी अधिकारियों को घेरा गया तो उन्होंने कहा कि वे तो अपनी ऑनलाइन पत्रिका बेचने के लिए यह धन लेते हैं। फिर, धीरे-धीरे स्पीक एशिया का धंधा बेपरदा होता गया। उसके कई अधिकारी अभी जेल में हैं, जबकि मुख्य अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार फरार है। स्पीक एशिया का संचालन हरेन कौर नाम की एक महिला सिंगापुर से करती रही हैं। सिंगापुर में भी कंपनी के बैंक खातों को सील किया जा चुका है।