अपने को जानने-समझने के लिए दूसरे को जानना समझना जरूरी है। दूसरे के प्रति आप कितने संवेदनशील हैं, इसी से आपकी संवेदनशीलता का पता चलता है। वरना, अपने प्रति तो हर कोई संवेदनशील होता है।
2010-07-08
अपने को जानने-समझने के लिए दूसरे को जानना समझना जरूरी है। दूसरे के प्रति आप कितने संवेदनशील हैं, इसी से आपकी संवेदनशीलता का पता चलता है। वरना, अपने प्रति तो हर कोई संवेदनशील होता है।
© 2010-2020 Arthkaam ... {Disclaimer} ... क्योंकि जानकारी ही पैसा है! ... Spreading Financial Freedom
बिलकुल सही कहा। आभार ।
दूसरे को समझ कर स्वयं को समझना ही सही है ।