हकीकत और हम

हम सांप को रस्सी न समझें, जो चीज जिस रूप में है, उसे उसी रूप में देखें – यह अवस्था हासिल करना ध्येय है हमारा। नहीं तो अपने पूर्वाग्रहों के चलते हम सच को नहीं देख पाएंगे और हकीकत हमें मुंह चिढ़ाती रहेगी।

2 Comments

  1. हमारे पूर्वाग्रह ही दृष्टि बदल देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *