देश की मुद्रा की विनिमय दर और उसकी अर्थव्यवस्था में क्या सम्बन्ध है? कोई भी सीधा रिश्ता नहीं। दशकों पहले पीपीपी (परचेज़िंग पावर पैरिटी) का पैमाना चलता था। तब मुद्रा का बाहरी मूल्य उसके आंतरिक मूल्य से तय होता था। अलग-अलग मुद्राओं से संबंधित देश के भीतर चल रही मुद्रास्फीति के अंतर से उसकी मुद्रा की विनियम दर तय होती थी। तब देश के निर्यात व आयात का अंतर या चालू खाता खास मायने रखता था। लेकिन अब पूंजी खाता सबसे ज्यादा अहम हो गया है। देश के भीतर विदेशी मुद्रा कितनी आ रही है, इससे उसकी विनियम दर तय होने लगी है। जैसे, अक्टूबर 2021 के बाद अपने यहां से जमकर डॉलर निकले तो डॉलर 83 रुपए का हो गया। अगस्त से फिर डॉलर आने लगे तो विनिमय दर 81 रुपए पर लौट आई। अब मंगलवार की दृष्टि…
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