असली ट्रिगर आना अभी बाकी है

हमें इस बात का पूरा अंदाजा था कि तेजड़िये दोहरी अफरातफरी पैदा करेंगे। इसकी दो वजहें थीं। एक, जो लोग कल लांग यानी भावी खरीद के सौदे कर चुके थे, वे भयभीत हो जाएंगे। दो, असली ट्रिगर बाजार बंद बाद होने के बाद आएगा। प्रधानमंत्री की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में हलफनामा कल, शनिवार को दाखिल किया जाएगा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। बाजार में अगली उथलपुथल मंगलवार को आएगी। एक और अहम बात यह है कि उसी दिन अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख बरनाके आर्थिक प्रोत्साहन पर बयान देंगे। ये घटनाएं ट्रेडरों को उहापोह में डालने के लिए काफी हैं।

दुखद बात यह है कि कल तक रोलओवर मात्र 5000 करोड़ रुपए का हुआ था। आज कुछ और रोलओवर हुए, लेकिन आक्रामकता की बात उनमें नदारद थी। इसका मतलब यही हुआ कि रोल्स की असली शुरुआत सोमवार से होगी और उसके बाद गुरुवार तक के चार दिन एकदम तूफानी होंगे। मुझे उम्मीद है कि इस सेटलमेंट में बाजार (निफ्टी) 6200 के आसपास बंद होगा और दिसंबर में शायद 6500 तक चला जाए।

इस बीच मजे में तलहटी पर जाते अच्छे शेयरों का शिकार करते रहिए। ऑपरेटर एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं और वह यह कि आपकी कमोजोरी उनकी ताकत है। आपके स्टॉप लॉस में उनका फायदा है। आपका निकलना उनका प्रवेश करना होता है। आप मार्जिन की सोचकर खरीद नहीं कर पाते, जबकि उनके लिए ऐसी कोई रुकावट नहीं है।

दिशा तय है। हमें तो बस यही देखना है कि कितने विकेट सिस्टम और भय की मानसिकता के शिकार होते हैं और कितने दिसंबर में निफ्टी के 6500 अंक होने और बाजार की नई मंजिल पकड़ने तक सही-सलामत रहते हैं। भारती, आइडिया और कोल इंडिया बढ़ रहे हैं जो इस बात का सबूत है कि एफआईआई का रुख नकारात्मक नहीं हुआ है।

मैं कभी भविष्य की नहीं सोचता। वह तो फटाफट आता रहता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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