तीन तरफ से घिरे हमारे देश में समुद्र की लहरों से 8000 मेगावॉट बिजली बनाई जा सकती है। अक्षय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार शहरों के सब्जी बाजारों, बूचड़ खानों और खेती से निकलने वाले कचरे का इस्तेमाल बिजली उत्पादन में करने के काम को बढ़ावा दे रही है।
उनका कहना था कि हम ‘शहरी अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण’ कार्यक्रम का कार्यान्वयन कर रहे हैं जिसका मकसद शहरी क्षेत्रों में निकलने वाले सीवेज और गोबर जैसे अपशिष्टों से बायो-मीथेन बनाने की परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। सरकार वित्तीय व्यवस्था के जरिये इस कार्यक्रम के लिए अनुकूल माहौल बनाने के प्रति काफी आशावान है।