देश भर में हर साल की तरह इस बार भी 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील 52 पुरस्कार बांटेंगी। ये पुरस्कार राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की श्रेणी के अंतर्गत सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों, स्वायत्त निकायों, निगमों व बोर्डों को दिए जाएंगे।
बता दें कि 14 सितम्बर का महत्व यह है कि 14 सितम्बर 1949 को ही देश के संविधान निर्माताओं ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार करने का फैसला किया था। यह अलग बात है कि विभिन्न कारणों से हिंदी इसके 62 साल बाद भी हिंदी देश की राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई है और गुलाम भारत के जमाने से चली आ रही अंग्रेजी ही आजाद भारत की अघोषित ‘राष्ट्रभाषा’ बनी हुई है।
सरकार की तरफ से हिंदी दिवस के दौरान राजभाषा नीति का कार्यान्वयन, व्यावसायिक क्षेत्र के विषयों में मौलिक हिंदी पुस्तक लेखन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित समकालीन रूचि से जुड़े वैज्ञानिक व तकनीकी विषयों पर हिंदी पुस्तक लेखन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट पुरस्कार दिए जाते हैं।
पिछले साल तक मंत्रालयों/विभागों को दो उप-श्रेणियों के अंतर्गत पुरस्कार दिए गए। पहली श्रेणी में 300 और इससे अधिक कर्मचारियों की संख्या वाले, जबकि दूसरी श्रेणी में 300 से कम कर्मचारियों की संख्या वाले विभाग आते हैं। इस साल एक नई उप-श्रेणी ‘वैज्ञानिक और तकनीकी’ मंत्रालय/विभाग शुरू की गई है ताकि विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में हिंदी के व्यापक प्रयोग को वांछित प्रोत्साहन दिया जा सके।
सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकायों, निगमों, बोर्डों को देश के तीन भाषीय क्षेत्रों – क, ख और ग के आधार पर पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इसके अतिरिक्त हिंदी में मौलिक पुस्तक-लेखन के लिए इंदिरा गांधी मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार, राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।