एक तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीख का इंतजार हो रहा है, दूसरी यूपीए सरकार आखिरी वक्त पर राजनीतिक दांव खेलने में लगी है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की दो सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3124 करोड़ रूपए का पैकेज घोषित कर दिया।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश की दो सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने का फैसला किया है। इसके तहत सरयू नहर परियोजना और शारदा सहायक परियोजना की क्षमता को बहाल किया जाएगा। राष्ट्रीय परियोजनाओं के अंतर्गत आने से इन परियोजनाओं केंद्र सरकार से 90 फीसदी सहायता मिलने लगेगी।
गौरतलब है कि सरयू नहर परियोजना तीन दशकों से ज्यादा वक्त से अटकी पड़ी है। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार 1977-78 से पूरा करने में लगी है लेकिन धन की कमी के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका है। पूरा हो जाने पर इससे बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर जिलों में 14.04 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई हो सकेगी। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 3238 करोड़ रूपए की जरूरत है जिसमें से 2915 करोड़ रूपए केन्द्र सरकार प्रदान करेगी। इस परियोजना को मार्च 2016 तक पूरा किया जाना है।
उधर रिसाव, गाद और खराब रखरखाव के कारण शारदा सहायक परियोजना अपनी मूल क्षमता से लाभ नहीं दे सकी। 7.9 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की सुविधा बहाल करने के लिए इसको 319 करोड़ रूपए की जरूरत पड़ेगी। इसमें से 209 करोड़ रूपए का खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी। बहाल होने के बाद परियोजना से एक बार फिर पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, प्रतापगढ़, फैजाबाद, जौनपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद और वाराणसी जिलों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। यह परियोजना 2012-13 में पूरी होगी।