एक बात हमें बहुत साफ समझ लेनी चाहिए कि वित्तीय बाज़ार में हम अपनी बचत लगाकर जो भी कमाते हैं वह किसी दूसरे के उद्यम का नतीजा होता है। बैंक हमें एफडी पर इसलिए ज्यादा ब्याज देता है क्योंकि वह हमारे धन को उधार पर चढ़ाकर उससे ज्यादा कमा लेता है। सरकार हमें बॉन्ड पर इसलिए ज्यादा ब्याज देती है क्योंकि हमारा धन उसकी ज़रूरतें पूरी करता है और उसके पास उधार चुकाने के लिए ज्यादा उधार लेने से लेकर नोट छापने तक का अधिकार है। शेयरों के भाव इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि प्रबंधन व श्रमिकों के कौशल से कंपनियां अपना धंधा व मुनाफा बढ़ा रही होती हैं। बैंक डूबे तो हमारा धन डूब जाता है। कंपनियों का धंधा चौपट तो शेयर दो कौड़ी का हो जाता है। सरकार जो श्रीलंका बन जाए तो? अब तथास्तु में आज की कंपनी…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...