शेयर बाज़ार साफ तौर पर तेज़ी के दौर या अंग्रेज़ी में कहें बुल फेज़ में है। जो भी कंपनियां मूलभूत रूप से या फंडामेंटली मजबूत हैं, उनमें से ज्यादातर के शेयर ऐतिहासिक शिखर तक जा पहुंचे हैं। जिनके शेयर ठंडे पड़े हैं, उनमें निवेश तो किया जा सकता है, लेकिन ट्रेडिंग नहीं। ऐसे में आज आम ट्रेडर के दिमाग में सबसे बड़ा सवाल है कि वह किन स्टॉक्स में ट्रेड करे। इंट्रा-डे ट्रेडर के लिए कोई समस्या नहीं क्योंकि वे तो तात्कालिक ट्रेन्ड देखकर दिन के दिन में सौदे काटकर निकल जाते हैं। समस्या उनके लिए है जो स्विंग, मोमेंटम या पोजिशनल ट्रेड करना चाहते हैं। अभी तक वे साल-दो साल में तेज़ी, तीन-छह महीनों में भी तेज़ी और कुछ दिनों या हफ्तों में गिरावट के दौर से गुजर रहे स्टॉक्स को चुनते रहे हैं। लेकिन अब तो लम्बे, मध्यम व छोटे दौर तक में तेज़ी ही तेज़ी छाई है। फिर ट्रेडिंग के लिए किन स्टॉक्स को चुनें? जानकार बताते हैं कि ऐसे माहौल में उन्हीं स्टॉक्स में ट्रेड करें जिनमें ब्रेकआउट की भरपूर गुंजाइश हो। अब सोमवार का व्योम…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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