बीते वित्त वर्ष 2022-23 के मुनाफे/ईपीएस को आधार बनाएं तो सेंसेक्स अभी 25.41 और निफ्टी 23.97 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। निफ्टी-50 में शामिल कंपनियों का शुद्ध लाभ अगले दो साल में 13% की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ता है तो उसका फॉरवर्ड पी/ई घटकर 19 के आसपास आ जाता है। इसलिए कुछ जानकार बाज़ार को सस्ता बता सकते हैं। लेकिन सब कुछ मन का धन है। कंपनियों का मुनाफा ठहरा रहता है, तब भी उनके शेयर चढ़ जाते हैं और इसका उल्टा भी होता रहता है। दिसंबर 2022 में निफ्टी 18,800 के ऊपर और निफ्टी-50 का ईपीएस 832 रुपए था। मार्च 2023 तक ईपीएस बढ़कर 849 रुपए हो गया। लेकिन निफ्टी 2000 अंक गिर गया। जनवरी 2015 से जनवरी 2020 तक के पांच सालों में निफ्टी का ईपीएस 392 से 10% बढ़कर 431 रुपए हुआ, जबकि इसी दौरान निफ्टी 39% उछल गया। वहीं, जनवरी से नवंबर 2008 में दौरान निफ्टी जब 43% टूटा था, तब उसका ईपीएस 222 से 228 रुपए हो गया था। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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