कंपनी विधेयक, 2009 संसद के चालू बजट सत्र में ही पेश किया जाएगा। यह विधेयक लगभग आधी सदी पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को वित्त वर्ष 2011-12 का बजट पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया। सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के घोटाले के सामने आने के बाद नया कंपनी विधेयक संसद में पेश किया गया था। नए कंपनी विधेयक में शेयरधारकों के लिए अधिक पारदर्शिता और कड़े कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों का प्रावधान है।
मुखर्जी ने कहा, ‘‘2009 में पेश किया गया नया कंपनी विधेयक इस समय संसद की स्थायी समिति के पास है। प्रस्तावित विधेयक को संसद के चालू सत्र में पेश किया जाएगा।’’ इस विधेयक के जरिये देश में पहली बार ‘क्लास एक्शन सुइट’ की अवधारणा सामने आएगी। इसके तहत किसी भी कंपनी के निवेशकों को ‘उत्पीड़न और कुप्रबंधन’ को लेकर कंपनी के खिलाफ मामला चलाने और मुआवजे का दावा करने का अधिकार मिलेगा।