देश में जब भी लोकसभा चुनाव होते हैं तो उनके नतीजों को लेकर शेयर बाज़ार की धुकधुकी बढ़ जाती है। पिछले चार चुनावों पर नज़र डालें तो इस दौरान बाज़ार में उतार-चढ़ाव का आना बड़ा स्वाभाविक है। इस बार 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में मतदान हो रहा है। इस दौरान 18 अप्रैल से कल 28 मई तक निफ्टी 4.06% और सेंसेक्स 3.70% बढ़ा है। 4 जून को नतीजे घोषित तक अगले पांच दिनों में क्या होगा, कुछ नहीं कहा जा सकता। इससे पहले 2019 में 11 अप्रैल से 19 मई तक हुए मतदान के दौरान 10 मई से 17 मई तक सेंसेक्स 1.69% गिरा था। 23 मई को नतीजों की घोषणा पर निफ्टी व सेंसेक्स दोनों 0.7% गिर गए थे। 2014 में 7 अप्रैल से 12 मई तक चले मतदान के दौरान 4 अप्रैल से 12 मई तक सेंसेक्स मोदी सरकार बनने की उम्मीद में 5.40% बढ़ा था। 16 मई को नतीजे आए तो सेंसेक्स 0.9% और निफ्टी 1.12% बढ़ गया। उससे पहले मनमोहन सरकार दोबारा चुनी गई तो 2009 में मतदान के दौरान 15 अप्रैल से 13 मई तक सेंसेक्स 6.51% बढ़ा था। 16 मई, शनिवार को नतीजे घोषित हुए तो 18 मई, सोमवार को निफ्टी 17.74% और सेंसेक्स 17.34% उछल गया था। इससे पहले 2004 में 19 अप्रैल से 10 मई के दौरान सेंसेक्स 4.22% गिरा था और 13 मई को नतीजे घोषित हुए तो ‘इंडिया शाइनिंग’ की हार पर सेंसेक्स 0.8% और निफ्टी 0.37% उठा था। अब बुधवार की बुद्धि…
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