मतगणना जारी है। शाम होते-होते साफ हो जाएगा कि भावनाओं के उबाल और तिकड़मबाज़ी की जीत हुई है या देश के व्यापक अवाम ने अपने वास्तविक हितों को ध्यान में रखते हुए वोट दिया है। स्पष्ट हो जाएगा कि देश के अगले पांच साल का फैसला दिल से लिया गया है या बुद्धि से। बुद्धि से फैसला नहीं हुआ तो राजनीतिक गठबंधन की जीत के बावजूद देश हार जाएगा। यकीनन, यह दुभार्ग्यपूर्ण होगा। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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