यह सच है कि दुनिया के बवंडर में हमारे बाजार के भी तंबू-कनात उखड़ जाते हैं। लेकिन यहां भी कुछ अपना है जो अपनी ही चाल से चलता है। जैसे, शुक्रवार को जब तमाम शेयर तिनके की तरफ उड़ रहे थे तब सेसेंक्स की 30 कंपनियों में तीन शेयर बढ़ गए। सेंसेक्स की 2.19 फीसदी गिरावट के बावजूद ओएनजीसी में 1.08 फीसदी, हिंडाल्को में 0.77 फीसदी और सिप्ला में 0.73 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। बीएसई में ट्रेड हुए कुल 2989 शेयरों में 2365 में गिरावट आई तो 556 शेयर बढ़कर बंद हुए, जबकि 68 शेयर जहां थे, वहीं पड़े रहे।
इसी तरह एनएसई की बात करें तो निफ्टी में शामिल 50 शेयरो में से छह में बढ़त दर्ज की गई है। इनमें सिप्ला, ओएनजीसी व हिंडाल्को के अलावा बीपीसीएल, जिंदल स्टील और आईडीएफसी शामिल हैं, जिनमें क्रमशः 1.99 फीसदी, 0.27 फीसदी और 0.53 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। एनएसई में ट्रेड हुए कुल 1526 शेयरों में से 1323 में गिरावट दर्ज की गई। लेकिन इसके विपरीत 177 शेयर पहले से बढ़कर बंद हुए और 26 किसी अलहदी की तरह जहां थे, वहीं पड़े रहे।
बढ़त की राह पर डटे इन थोड़े से शेयरों की स्थिति दिखाती है कि हमारी अर्थव्यवस्था का अपना आधार है।. इसके फंडामेंटल मजबूत हैं और अमेरिका या यूरोप के थपेड़े इसे बहुत ज्यादा समय तक बहुत ज्यादा नहीं हिला सकते। जैसे, कल वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने डीजल से मूल्य-नियंत्रण हटाने की बात की थी तो सरकारी तेल कंपनियों के शेयरों का बढ़ना लाजिमी था। इसीलिए इंडियन ऑयल व एचपीसीएल में भी बढ़त दर्ज की गई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का ही सबूत है कि घरेलू निवेशक संस्थाओं ने जबरदस्त गिरावट की हवा के बीच भी अच्छी-खासी खरीद की है। यह अलग बात है कि बाजार पर एफआईआई के दबदबे ने उनकी खरीद को बेमानी कर दिया।
बाजार पूंजीकरण में कमी के आधार पर कहा जा रहा है कि एक दिन में शेयर बाजार के निवेशकों के 1.33 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा स्वाहा हो गए। दिन में यह नुकसान एक समय 2.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया था। लेकिन यह कोई असल का नुकसान नहीं, बल्कि सांकेतिक रकम है। इसलिए इसका शोर मचाना निवेशकों को शेयर बाजार से विमुख कर सकता है।
इस बीच पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने कहा है कि वह बाजार पर पूरी नजर रखे हुए हैं। निवेशकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह गिरावट वैश्विक स्तर पर जारी गतिविधियों का नतीजा है और हमारी बाजार प्रणाली पूरी तरह नियंत्रित है। वहीं आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन ने कहा है कि इस गिरावट के लिए निवेशकों द्वारा घबराहट में की गई बिकवाली है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है। इसलिए भारतीय शेयर बाजारों में शीघ्र ही मजबूती लौटेगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी आश्वस्त करते हुए कहा है कि निवेशकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।