अगले 48 सालों में जापान की आबादी 32 फीसदी घट जाएगी और उसमें भी ज्यादातर बुजुर्ग होंगे। जापान के स्वास्थ्य व कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि साल 2060 तक देश की आबादी घटकर 8.67 करोड़ रह जाएगी। अगर इसके बाद भी यही दशा जारी रही तो 2110 तक जापान में सिर्फ 4.92 करोड़ लोग बचे रहेंगे। फिलहाल जापान की आबादी 12.77 करोड़ है।
जापान सरकार को बूढ़ी होती आबादी की चिंता भी सता रही है। इस समय 20 फीसदी आबादी की उम्र 65 साल से ज्यादा है। सरकार के मुताबिक अगले 50 साल में जापान की महिलाओं की औसत उम्र 90 साल से ज्यादा हो जाएगी। जापान में पुरुषों की औसत उम्र फिलहाल 80 साल है। 2060 तक पुरुषों की औसत उम्र 84.19 साल हो जाएगी।
जापान में बीते 41 सालों से लगातार 100 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या नई ऊंचाई पर जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल देश में 47,700 लोग ऐसे हैं जो सौ साल के ऊपर हैं। इनमें 87 फीसदी महिलाएं हैं।
युवाओं की जीवनशैली में आए बड़े बदलावों को जापान की घटती जनसंख्या का कारण कहा जा रहा है। कई जापानी युवा अब परिवार नहीं बसा रहे हैं। उन्हें लगता है कि परिवार उनकी जीवनशैली और करिअर पर बोझ बनता है। धीमी अर्थव्यवस्था की वजह से भी लोग बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं।
घटती जनसंख्या की वजह से जहां कामगारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बढ़ती औसत उम्र की वजह से सरकार पर सामाजिक खर्च की बोझ बढ़ता जा रहा है। बीते दो साल से जापान की अर्थव्यवस्था ठहर सी गई है। पेंशन और बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा की वजह से सरकार का कर्ज बढ़ता जा रहा है। औद्योगिक देशों में जापान अकेला ऐसा देश है, जहां की सरकार का कर्ज देश के जीडीपी का दोगुना है।