शेयर बाज़ार से कमाने के लिए अगर हम निवेश और ट्रेडिंग के अंतर को सही-सही समझ लें तो हमारी सफलता की प्रायिकता बढ़ जाती है। याद रखें कि शेयर बाज़ार में पक्का कुछ नहीं। यहां सब कुछ रैंडम या यदृच्छया चलता है। इसलिए यहां सफलता की प्रायिकता या प्रोबैबिलिटी ही चलती है। लेकिन यह बात मन में पक्के तौर पर बैठाना लेनी चाहिए कि निवेश लम्बे समय की ट्रेडिंग है और ट्रेडिंग छोटे समय का निवेश। इस बात को एक उदाहरण से समझते हैं। हमने अपने ‘ट्रेडिंग बुद्ध’ कॉलम में करीब तीन साल पहले 7 जनवरी 2021 को जब प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स को 15-20 दिन के मोमेंटम ट्रेड के लिए चुना था तो उसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 281 रुपए चल रहा था और 312 रुपए तक पहुंचने का लक्ष्य था। अभी अचानक उस पर नज़र पड़ी तो वही शेयर 1230 रुपए चल रहा है। उस समय ट्रेडिंग के लिए खरीदे गए प्रेस्टिज के शेयर को अभी तक नहीं बेचा होता तो तीन साल में चार गुना से ज्यादा रिटर्न मिल रहा होता। इसलिए ट्रेडिंग और निवेश को अलग-अलग समझने के बजाय एक ही सिक्के के दो पहलू मानना चाहिए। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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