भारत को स्विस बैंक खातों में रखे गए काले धन के बारे में सूचना हासिल करने के लिए इस साल के अंत तक इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि स्विटजरलैंड की संसद पिछले साल अगस्त में भारत के साथ हुई संधि को दिसंबर तक ही मंजूरी दे सकेगी। भारत और स्विटजरलैंड ने सूचनाओं का आदान प्रदान करने की सुविधा के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन के समझौते पर 30 अगस्त, 2010 को हस्ताक्षर किए थे।
स्विटजरलैंड में आर्थिक मामलों के विभाग के प्रमुख जोहान एन. श्नेदर अमान ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, ‘‘स्थिति यह है कि डीटीएए स्विटजरलैंड की संसदीय प्रक्रिया में है। हम इस साल के अंत तक समझौता लागू करने की स्थिति में होंगे।’’ भारत संशोधित डीटीएए को लागू करने के लिए औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर चुका है। संशोधित संधि से भारत एक अप्रैल, 2011 की शुरुआत से विशेष मामलों में बैंकिंग सूचनाएं हासिल करने में समर्थ होगा।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ मुलाकात के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘उनसे हमारी मुलाकात काफी अच्छी रही और हमने वित्तीय मुद्दों के अलावा दोहरे कराधान संधि पर भी चर्चा की।’’ उन्होंने कहा कि नई कर संधि से दोनों देशों के बीच साझीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी और काले धन से जुड़े मुद्दों को हल करने में भी सहायता मिलेगी।