भारत-यूरोप में व्यापार समझौते पर मतभेद

भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर मतभेद का संकेत देते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि ‘अच्छे से अच्छा भविष्यवक्ता भी इसके पूरा होने की समयसीमा नहीं बता सकता।’ उन्होंने बस इतनी उम्मीद जताई कि यह जल्दी पूरा हो जाएगा।

भारत अपने सबसे बड़े कारोबारी सहयोगी यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के जरिए वस्तु, सेवा व निवेश के क्षेत्र में व्यापार उदार बनाने के लिए बातचीत कर रहा है। एफटीए होने पर भातर और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार में 90 फीसदी वस्तुओं पर शुल्क के खत्म होने या इनकी दरों में भारी कटौती की उम्मीद है। इसके अलावा दोनों पक्ष निवेश उदारीकरण समझौते पर भी बात कर रहे है।

वित्त वर्ष 2009-10 में दोनों पक्षों का व्यापार 75 अरब अमेरिकी डॉलर का था। दोनों ने एफटीए के बारे में बातचीत 2011 में पूरा होने की उम्मीद जताई थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली व्यापार व आर्थिक संबंध समिति (टीईआरसी) ने हाल ही में बातचीत की समीक्षा की। समिति की जल्दी ही फिर बैठक हो सकती है।

शर्मा ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट से बातचीत में कहा, ‘‘मैं बिना कोई समयसीमा दिए यह कह सकता हूं कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता अंतिम चरण में हैं। समयसीमा के बारे में बेहतर भविष्यवक्ता भी कुछ नहीं बता पाएगा।’’ हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि यह जल्दी ही पूरा होगा। उन्होंने कहा कि जटिल मुद्दों पर बातचीत जारी है।

दोनों पक्षों के अधिकारी ऑटो व ऑटो कंपोनेंट, शराब, बौद्धिक संपदा अधिकार और सेवा क्षेत्र से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। समझा जाता है कि दोनों पक्ष एफटीए के 12 प्रमुख मुद्दों में से चार पर सहमत हो गए हैं।

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