स्टॉक्स की सप्लाई स्थिर तो उन्हें उठाने-गिराने में सारा खेल डिमांड का। कहां से आती है यह डिमांड जो शेयरों में उठापटक कर डालती है। पहले यह जान लें कि बीएसई में एनएसई से करीब दोगुनी लिस्टेड हैं। वहां कुल लिस्टेड 4791 कंपनियों में से 3924 कंपनियों में ही ट्रेडिंग होती हैं। जो एनएसई में लिस्टेड हैं, उनमें से लगभग सारी की सारी कंपनियां बीएसई में भी लिस्टेड हैं। लेकिन दोनों ही एक्सचेंजों में सक्रिय ट्रेडिंग बमुश्किल 500 कंपनियों में ही होती है। 3400 कंपनियां ऐसी हैं जिनके शेयरों में कभी चाल ही नहीं आती। बहुतेरी कंपनियों की इक्विटी पूंजी इतनी कम है कि बैंकों व बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंडों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए वे ऊंट के मुंह में जीरा जैसी होती हैं तो वे उन्हें हाथ नहीं लगाते। अब मंगलवार की दृष्टि…
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