अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हारून लोर्गट का मानना है कि भारतीय उप महाद्वीप में सट्टेबाजी को वैध कर देना चाहिए। इससे सट्टेबाजों पर निगाह रखने में मदद मिलेगी और ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना भी आसान हो जाएगा।’
लोर्गट ने कहा, ‘‘यदि इस कारोबार को वैध बना दिया जाता है तो फिर आप वास्तव में उनके साथ मिलकर काम करोगे। ऐसे में उन पर बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है। यदि सब कुछ वैध हो जाता है तो फिर भूमिगत होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए हमारा मानना है कि यदि इसे वैध कर दिया जाता है तो इससे हमारे लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना काफी आसान हो जाएगा।’’
भ्रष्टाचार के कारण समय-समय पर क्रिकेट पर दाग लगता रहा है। हाल में स्पॉट फिक्सिंग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को झकझोर दिया था जिसमें पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों को दोषी करार दिया गया था। लोर्गट ने कहा कि आईसीसी अब ‘जासूस खरीदार’ की योजना पर विचार कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल सीएनएन को दिये एक ताजा साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम अभी इसकी समीक्षा कर रहे हैं कि हमने पिछले एक दशक में क्या सीखा। पिछले साल जो कुछ हुआ, हम निश्चित तौर उसकी पुनरावृत्ति नहीं चाहते। बता दें कि आईसीसी के सीईओ हारून लोर्गट दक्षिण अफ्रीका के रहनेवाले हैं, जबकि आईसीसी के अध्यक्ष हमारे कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार हैं।