हमें जीडीपी के विकास दर के झांसे को कायदे से समझना होगा। एक तो यह है कि साल के शुरू में विकास दर का बजट अनुमान होता है, जो तीन तिमाही बाद संशोधित अनुमान तक और फिर साल बीतने पर वास्तविक दर तक पहुंच जाता है। दूसरा यह है कि हमेशा विकास की एक नॉमिनल दर या सतही दर होती है जिसे मौजूदा मूल्यों पर निकाला जाता है। नॉमिनल विकास दर को जब मुद्रास्फीति के असर को मिटाकर 2011-12 के स्थिर मूल्यों पर ले आया जाता है तो रीयल या असली विकास दर निकलती है। दिक्कत यह है कि मोदी सरकार ने इसमें भी झांसा देने का पैंतरा डिफ्लेटर के रूप में निकाल लिया है। अमूमन डिफ्लेटर को प्रचलित मुद्रास्फीति या अभी के संदर्भ में कहें तो रिटेल मुद्रास्फीति या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति माना जाना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार ने बड़ी चालाकी से रिटेल मुद्रास्फीति के बजाय थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक मुद्रास्फीति को डिफ्लेटर बना रखा है जिसकी दर इधर आम तौर पर रिटेल मुद्रास्फीति से काफी कम रह रही है। मसलन, दिसंबर 2024 में रिटेल मुद्रास्फीति 5.22% रही है, जबकि थोक मुद्रास्फीति 2.37% रही है। सरकार पिछले कई सालों से थोक मुद्रास्फीति को डिफ्लेटर बनाकर जीडीपी की रीयल या असली विकास दर को ज्यादा बताती रही है। अब मंगलवार की दृष्टि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...