आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी एसकेएस फाइनेंस के नवनियुक्त सीईओ और प्रबंध निदेशक एम.आर. राव पर कोई भी बडा फैसला लेने से रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि कंपनी के पूर्व सीईओ सुरेश गुरुमणि को बख्रास्त किये जाने के विवादास्पद मामले में अंतिम फैसला आने तक कंपनी के नए सीईओ और प्रबंध निदेशक एम.आर. राव को कोई भी बडा फैसला नहीं ले सकेंगे।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जारी अपने अंतरिम आदेश में इस पर गौर किया है कि गुरुमणि अभी भी कंपनी के निदेशक हैं और निदेशक बोर्ड के एक सदस्य होने के नोते वह कंपनी से जुडे प्रत्येक व्यक्ति के हित में हरसंभव कार्रवाई कर सकते हैं।
गुरुमणि को कंपनी प्रमुख पद से बखास्त किये जाने के खिलाफ कंपनी के एक शेयरधारक द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति जी. भवानी प्रसाद की पीठ ने यह आदेश पारित किया। एसकेएस फाइनेंस देश की सबसे बडी माइक्रो फाइनेंस कंपनी है। यह छोटे उद्यमियों, खासकर महिलाओं को कर्ज उपलब्ध कराती है। कंपनी ने दो महीने पहले ही पूंजी बाजार से आईपीओ के जरिये 1653 करोड रुपए की पूंजी जुटाई है।
कंपनी इससे पहले इस संबंध में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के सवालों का भी जबाव दे चुकी है।हाईकोर्ट ने हालांकि गुरुमणि की बख्रास्तगी को बनाए रखने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कंपनी से निदेशकों की नियुक्ति पर कंपनी के शेयरधारकों की सहमति लेने को भी कहा है। इस बीच, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि वह शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक बुलाने के बारे में सोमवार अथवा मंगलवार को फैसला करेंगे।