मार्क मोबियस का कहना है कि हमें बाजार में करेक्शन के लिए तैयार रहना चाहिए। राकेश झुनझुनवाला भी इसी तरह की बात कह चुके हैं। इसलिए आपके लिए बड़ा सवाल यह है कि बाजार किस दिशा में जा रहा है। आपको जगह-जगह से सूचनाएं जुटाकर तय करना होगा कि आप खरीद की तरफ हैं या बिकवाली की तरफ या आपको झूलेलाल बना रहना है। एकदम सही कहा गया है कि बाजार सब कुछ जानता है और उसे गलत साबित करने की कोई भी कोशिश आपको बियावान में पहुंचा देगी। नकारात्मक सोच का कोई अंत नहीं है। और यह भी कि, बाजार आसानी से कोई मौका नहीं देता।
धामपुर स्पेशियलटी शुगर्स (बीएसई कोड – 531923) 23 रुपए तक गिरने के बाद वापस 31 रुपए पर आ गया है। क्विंटेग्रा 9 रुपए के स्तर से तेजी से बढ़कर 13 रुपए तक चला गया। अब कमजोर संकेतों और ट्रेडरों की धारणा के चलते इसमें करेक्शन आ रहा है। फिर भी सोमवार को 5 फीसदी के सर्किट ब्रेकर के साथ जा टकराया। ऐसा होता है और इस हाल में वो सभी निवेशक भौचक्के रह जाते हैं जो उस स्टॉक को ही नहीं समझते जिसे वे खरीद रहे होते हैं।
दुनिया के बाजारों में खरीद चल रही है। निफ्टी फिलहाल अपने को मजबूत कर रहा है। खैर, मुझे लगता है कि बाजार अब स्टॉक केंद्रित होता जा रहा है और आपको यह हकीकत जितनी जल्दी हो, समझ लेनी चाहिए। आपको बाजार की दिशा नहीं, स्टॉक की दशा निवेश का मौका देगी। इनफोसिस न तो खुश करेगी और न ही दुखी करेगी। इसलिए उसके नतीजों का कोई बहुत मतलब नहीं है। ऑटो और बैंकिंग सेक्टर से भारी निराशा मिलनेवाली है। मेटल और ऑयल कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहनेवाले हैं। अब मिड व स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में अच्छी चाल आनेवाली है।
मेरा सुझाव यह है कि रीयल्टी स्टॉक्स में निवेश बनाए रखें। ए ग्रुप में रिलायंस कम्युनिकेशंस पर पकड़ मजबूत रखें जबकि बी ग्रुप में लौह अयस्क, खनन, कोयला व बिजली कंपनियों के शेयरों में निवेश बनाए रहें। संजीवनी पैरेंटल (बीएसई कोड – 531569) ने सोमवार को पूरे बाजार को चौंका दिया। यह शेयर एक ही दिन में 15.71 फीसदी बढ़कर 66.30 रुपए पर जा पहुंचा है। खबर है कि कंपनी के प्रवर्तक खुद को वांरट (शेयरों में बदले जा सकने वाले प्रपत्र) जारी करेंगे। सब्सिडियरी को इस कंपनी में मिलाएंगे। अभी 7.55 के पी/ई अनुपात पर मिल रहा यह शेयर शानदार निवेश साबित होगा। मैं तो इसे बेरोकटोक 130 रुपए तक बढ़ता हुआ देख रहा हूं क्योंकि किसी फार्मा कंपनी के लिए 15 का पी/ई कोई ज्यादा नहीं होता।
शिक्षा जैसे-जैसे बढ़ती है, हमारे अज्ञान की परत-दर-परत उघड़ती चली जाती है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)