अपने शेयर बाज़ार के बारे में खास जानने की बात है कि यहां देशी निवेशक संस्थाएं हमेशा रक्षात्मक रहती हैं। वे कभी-कभार ही आक्रामक होती हैं। दूसरी तरफ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक या विदेशी निवेशक संस्थाएं हमेशा ही आक्रामक रहती हैं। ये एफआईआई आज हमारे बाज़ार की दशा-दिशा तय करने के सबसे अहम कारक हैं। उनके डॉलर आने से बाज़ार चढ़ता है। इससे रुपया मजबूत होता है तो वे ज्यादा डॉलर कमा लेते हैं। अब बुद्ध की बुद्धि…
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