शेयरों का गिरना जनगण के लिए अच्छा

गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ पर आप सभी को अनंत बधाइयां। गणतंत्र में सबसे अहम है जन या गण। हम सभी जनगण शारीरिक के साथ ही आर्थिक, मानसिक व बौद्धिक, हर दृष्टि से सशक्त हो जाएं तो देश खुद-ब-खुद मजबूत हो जाएगा। बतौर ट्रेडर या निवेशक खुद को सशक्त व समझदार बनाने की प्राथमिक जिम्मेदारी हमारी अपनी है। इधर सितंबर में शिखर पकड़ने के बाद चार महीने में ही हमारा शेयर बाज़ार करीब 12% गिर गया है तो हर तरफ पस्ती-सी दिख रही है। लेकिन शेयर बाज़ार का गिरना हो सकता है कि कंपनियों के लिए बुरा हो, सरकार के लिए बुरा हो, लेकिन जनगण के लिए अच्छा है। ट्रेडरों के लिए इसलिए अच्छा क्योंकि यह उन्हें संयत रहना सिखाता है। निवेशकों के लिए इसलिए अच्छा क्योंकि बाज़ार के गिरने पर उन्हें अच्छी कंपनियों के शेयर सस्ते में मिल सकते हैं। शेयर बाज़ार का गिरना जनमण में से केवल हवाबाज़ों के लिए अच्छा नहीं, बाकी सबके लिए अच्छा है। हमें तो ताली बजानी चाहिए और कामना करनी चाहिए कि बाज़ार और गिर जाए। चाहे 2009 में बाज़ार का टूटना हो या 2020 के कोरोना संकट में उसका डुबकी लगाना, लम्बे समय के निवेशकों के लिए वरदान साबित हुआ। अब तथास्तु में आज की कंपनी…

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