मायानगरी मुंबई, सपनों की नगरी। लोगों के पास बड़ी-बड़ी गाड़ियां, पर चलाने को सड़क नहीं। हर मिनट पर ट्रेन, पर भीड़ इतनी कि चढ़ना मुश्किल। समुद्र का अथाह जल, मगर मछलियां प्यासी हैं। यहां घुट-घुटकर जीते हैं लोग। सांस लेने की फुरसत नहीं।
2012-11-22
मायानगरी मुंबई, सपनों की नगरी। लोगों के पास बड़ी-बड़ी गाड़ियां, पर चलाने को सड़क नहीं। हर मिनट पर ट्रेन, पर भीड़ इतनी कि चढ़ना मुश्किल। समुद्र का अथाह जल, मगर मछलियां प्यासी हैं। यहां घुट-घुटकर जीते हैं लोग। सांस लेने की फुरसत नहीं।
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