सरकार को देश के रिटेल व छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में खींचकर लाने में भले ही कामयाबी न मिल रही हो, लेकिन हमारा वित्त मंत्रालय विदेश के रिटेल व छोटे निवेशकों को यहां ट्रेड करने की इजाजत देने पर विचार कर रहा है। इससे पहले चालू वित्त वर्ष 2011-12 के बजट में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने विदेशी निवेशकों को म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों में निवेश की अनुमति देने का ऐलान किया था। इस पर तीन महीने पहले अगस्त में अमल भी हो चुका है और विदेशी निवेशकों को ऐसी स्कीमों में कुल 1000 करोड़ डॉलर लगाने की इजाजत दी जा चुकी है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार इस मसले से सीधा ताल्लुक रखनेवाले वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम से भारतीय शेयरों में विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ सकता है। जिन क्वालिफाइड विदेशी निवेशकों (क्यूएफआई) को पहले म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश की अनुमति दी गई है, उन्हें अब सीधे कंपनियों के शेयरों में धन लगाने की इजाजत देने का प्रस्ताव है। क्यूएफआई वो व्यक्ति, समूह या संगठन है जो विदेश का निवासी है और भारत की एंटी-मनी लॉन्डरिंग व आतंकवादी विरोधी फाइनेंसिंग के दिशानिर्देशों का पालन करता है। हालांकि व्यवहार में यही माना जा रहा है कि क्यूएफआई के जरिए भारतीय ही विदेश में रखा अपना काला धन भारत में लाएंगे।
इस समय ऐसे अमीर विदेशी निवेशकों को देश के इक्विटी बाजार में सीधे निवेश की इजाजत है जिनकी नेटवर्थ कम से कम 5 करोड़ डॉलर है और जिन्होंने खुद को किसी एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) के सब-एकाउंट के रूप में पंजीकृत करा रखा है। वित्त मंत्रालय के उक्त अधिकारी ने अपनी पहचान न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि, “हम क्यूएफआई को निवेश की ऐसी किसी सीमा के बगैर सीधे शेयरों में धन लगाने की इजाजत देने पर गौर कर रहे हैं।” उनका कहना था कि जो भी विदेशी निवेशक केवाईसी (नो योर कस्टमर) के मानकों को पूरा करते हैं, उन्हें भारतीय शेयरों में सीधे निवेश की अनुमति दी जा सकती है।
यह कदम भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी सकारात्मक माना जा रहा है। भारतीय बाजार इस साल 2011 में अब तक करीब 20 फीसदी गिर चुका है। रिटेल निवेशक गायब होते जा रहे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों या एफआईआई ने इस साल अभी तक केवल 66.30 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे हैं, जबकि बीते साल 2010 में उन्होंने 2900 करोड़ डॉलर का निवेश किया था।
ब्रोकरेज फर्म वे2वेल्थ के मुख्य परिचालन अधिकारी अम्बरीश बालिगा का कहना है कि वित्त मंत्रालय का उक्त कदम बेहद अच्छा है। इससे भारतीय बाजार में विदेशी धन को खींचकर लाने में मदद मिलेगी। लेकिन अभी बाजार का जो हाल है, जिस तरह की वैश्विक अनिश्चितता है, उसमें इसका तात्कालिक असर बहुत मामूली रहेगा।