पुरानी कहावत है। पुरुष बली नहीं होत है, समय होत बलवान। भीलन छीनीं गोपियां, वही अर्जुन वही बाण। भीलों के झुंड ने गोपियां छीन लीं और धुरंधर धनुर्धर अर्जुन उनको नहीं रोक पाए। जीवन में भी यही होता है। सबसे तेज़ धावक दौड़ जीत जाए, सबसे ताकतवर योद्धा जीत जाए, ज़रूरी नहीं। इसी तरह शेयर बाज़ार में ट्रेडर को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि यहां बहुत सारे कारक काम करते हैं, जिन पर उसका कोई वश नहीं। आप कितनी भी उस्तादी सीख लीं, लेकिन तब भी घाटा खाने से बच नहीं सकते। नफा-नुकसान इस धंधे का अभिन्न हिस्सा है। सफल ट्रेडर यह सच स्वीकार करके ही बनता है। अब गुरु की दशा-दिशा…
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