प्रायिकता के खेल को समझना इसलिए ज़रूरी है ताकि हम शेयर बाज़ार के रिस्क को ठीक से संभाल सकें। वहीं, चार्ट को समझने का तरीका एकदम सीधा व सरल होना चाहिए। जो लोग ऑसिलेटर, बहुत सारे पैटर्न और दसियों इंडीकेटरों के चक्कर में पड़ते हैं, वे चिल्लाते ज्यादा और कमाते कम हैं। चंद मूविंग औसत, कैंडल की कुछ आकृतियां और आएसआई काफी होते हैं बाजार में अच्छे सौदे पकड़ने के लिए। अब गहते हैं मंगल की दृष्टि…औरऔर भी

शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग में कामयाबी के लिए किसी चमत्कारी मंत्र की तलाश वास्तव में मृग मरीचिका जैसा छलावा है। ऐसा कोई मंत्र है ही नहीं तो कोई कैसे आपको दे सकता है। जो भी ऐसा दावा करता है, वो दरअसल आपकी लालच का फायदा उठाकर किसी न किसी रूप में अपनी जेब भरता है। स्टॉक एक्सचेंजों पर घोषित सूचनाएं और भावों के चार्ट मूलाधार हैं। उन्हें और प्रायिकता के खेल को समझें। अब सोमवार का व्योम…औरऔर भी

शेयर बाज़ार का प्रतिनिधित्व करनेवाला बीएसई सेंसेक्स इस समय 22.64 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यह कमोबेश वही स्तर है जिसके बाद 2008 में बाज़ार धड़ाम से गिर गया था। इससे ज्यादा मूल्यांकन वो 2000 में गया था, जिसके बाद डॉटकॉम का बुलबुला फूटा था। साफ है कि इस बार भी देर-सबेर बाज़ार को गिरना ही है। इसलिए निवेश में हड़बड़ी करने के बजाय इंतज़ार करना सही होगा। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

गंगा नगर से ईटा नगर और लेह से लक्षद्वीप तक छोटे-बडे सभी व्यापारी व कारोबारी परेशान हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिस माल व सेवा कर या जीएसटी को ‘गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स’ की जगह ‘गुड एंड सिम्पल टैक्स’ बता रहे हैं, व्यापारी तबका उसे ‘गड़बड़ सड़बड़ टैक्स’ कह रहा है। दोनों में से सही कौन है? इसके जवाब में धूमिल की सीख याद आती है कि लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो, उस घोड़े से पूछो जिसके मुंहऔरऔर भी