हम सभी में उससे कहीं ज्यादा सामर्थ्य और संभावना होती है, जितना हम सोचते हैं। बस जरूरत है इसे निखारने की। इसके लिए चाहिए अटूट आत्मविश्वास और लड़कर हासिल करने का जुनून।और भीऔर भी

समय हथेलियों से फिसलती रेत की तरह निकलता जाता है। हाथ मलते रह जाते हैं हम कि इस साल भी खास कुछ नहीं कर पाए। तय करें कि नए साल के हर पल का तेल निकाल लेंगे, निरर्थक नहीं जाने देंगे।और भीऔर भी