संकट अकेले का नहीं, हम सबका है: वित्त मंत्री

यूरोप सहित तमाम विकसित देशों में गहराते वित्तीय संकट और घरेलू अर्थव्यवस्था की मंद पड़ती रफ्तार से चिंतित वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को वैश्विक समुदाय का आह्‍वान करते हुए कहा कि हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए और स्थिति से मिलकर निपटना होगा।

दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों के शोध से जुडी भारतीय परिषद (आईसीआरआईईआर) के एक सम्मेलन के दौरान उन्होंने अलग से कहा कि लगातार निराशाजनक समाचार मिल रहे हैं। पहले हमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दो वर्ष में सबसे कम वृद्धि के आंकड़े मिले। फिर यूरो ज़ोन संकट का दुनिया भर के बाजारों पर साये की तरह लहराता रहा। लेकिन ऐसे में हमें अपना धर्य नहीं खोना चाहिए।

वित्त मंत्री ने उपभोक्ता वस्तुओं व खाद्य पदार्थों के ऊंचे दाम को ईंधन और ऊर्जा के मामले में विदेश पर निर्भर उभरती अर्थव्यवस्थाओं की खाद्य सुरक्षा और वृद्धि के लिए खतरा बताया। उन्होंने इस संकट से उबरने के लिए वैश्विक सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया।

मुखर्जी ने कहा कि हमें मिलकर काम करना होगा और संकट से बाहर निकलना होगा। वित्त मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कि देश की औद्योगिक वृद्धि दर जुलाई में घटकर पिछले 21 महीनों के न्यूनतम स्तर 3.3 फीसदी पर आ गई है। इस बीच यूरो ज़ोन में ग्रीस का सरकारी ऋण संकट एक बार फिर से गहराता नजर आ रहा है।

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