पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी की इजाजत के बगैर काम कर रही एक प्लांटेशन कंपनी और उसके दो निदेशकों पर दिल्ली की एक अदालत ने जुर्माना लगाया है। हालांकि जुर्माने की रकम महज 2.25 लाख रुपए है। लेकिन सांकेतिक रूप से इसका काफी महत्व है।
योजना एग्रो फॉरेस्ट्री नाम की यह कंपनी लंबे-चौड़े रिटर्न का झांसा देकर लोगों से धन इकट्ठा कर रही थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पवन कुमार जैन ने कंपनी के खिलाफ सेबी की शिकायत के बाद यह कदम उठाया है। सेबी का कहना था कि यह कंपनी सामूहिक निवेश स्कीम (सीआईएस) चला रही है। लेकिन इसके लिए उसने सेबी से आवश्यक अनुमति नहीं ली है।
सेबी का कहना खा कि कंपनी ने सीआईएम नियमों को धता बताते हुए आम लोगों मे करोड़ो रुपए इकट्ठा किए हैं। एएसजे जैन ने मामले पर गौर करने के बाद योजना एग्रो फॉरेस्ट्री को दोषी पाया और कंपनी व उसके निदेशकों पर जुर्माना लगा दिया है।