पिछले दो साल में भवन निर्माण की लागत 18 फीसदी बढ़ गई है। यह कहना है रीयल एस्टेट क्षेत्र पर नजर रखने वाली ऑनलाइन डाटा व विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी का। इससे रीयल एस्टेट के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। प्रोपइक्विटी के एक अध्ययन मुताबिक 2009 से 2011 के बीच सीमेंट, स्टील, मजदूरी और ईंट जैसी चार प्रमुख चीजों के महंगा होने से निर्माण लागत में कुल 18 फीसदी वृद्धि हो गई है।
इस तरह लागत बढ़ जाने से रीयल एस्टेट कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा। साथ ही समय पर रिहायशी इकाइयों की आपूर्ति करने में भी समस्या आ सकती है। अध्ययन के मुताबिक ऐसा अनुमान है कि 2011-13 में 11 शहरों में 4.80 लाख आवासीय फ्लैट तैयार किए जाने थे, लेकिन इनकी आपूर्ति में देरी होने की आशंका है। ये फ्लैट सस्ते, मझोले व लक्जरी श्रेणी के हैं।
प्रॉपइक्विटी ने अपने अध्ययन में 11 शहरों के 1500 डेवलपरों के 10,000 प्रोजेक्ट को शामिल किया है। अध्ययन में शामिल शहर थे – गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा (उत्तर), मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे (पश्चिम), बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद (दक्षिण) और कोलकाता (पूर्व)।