सोना है कोल इंडिया का इश्यू

ट्रेडरों के लिए आज का दिन बड़ा दुखदायी रहा। उनमें से ज्यादातर निराशा की गर्त में चले गए। उनकी निराशा की वजह वो खीझ है जो उन्हें विशेषज्ञों की इस राय पर भरोसा करने से हुई है कि निफ्टी अब बेरोकटोक 5800 तक गिरने जा रहा है, जबकि बाजार में ऐसा नहीं हुआ। शुरू में गिरावट आई जरूर। लेकिन बाद में बाजार संभल गया। मैंने तो यहां तक सुना कि टेक्निकल एनालिसिस के एक धुरंधर ने खुद निफ्टी के इस तरह ध्वस्त होने की भविष्यवाणी की थी।

हालांकि इन सज्जन की हकीकत यह है कि इनकी कही बातें अभी तक ज्यादातर गलत ही साबित होती रही हैं। इन्हीं महोदय ने एक बार सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि उन्होंने जनवरी 2008 में बाजार के धराशाई होने की भविष्यवाणी की थी और कहा था कि सेंसेक्स के 16,000 अंक पर सब कुछ बेचकर निकल लेना चाहिए इस सोच के साथ कि वह 10,000 या उससे नीचे जानेवाला है।

हमने निफ्टी में 6250 अंक पर बिक्री की कॉल दी थी, जबकि दूसरे विशेषज्ञ तब खरीद की सिफारिश करने में लगे थे और बता रहे थे कि निफ्टी 6500 तक जाएगा। अब 6000 अंक पर हम खरीद की सलाह दे रहे हैं तो वे ये समझाने में जुटे हैं कि यह तो अभी 5800 तक गिरने जा रहा है। अगर उन्होंने अपना दिमाग लगाया होता तो बाजार को सही तरीके से समझ सकते थे। लेकिन कम से कम आपको तो अपना दिमाग लगाना चाहिए था।

जाहिर-सी बात है कि बाजार में करेक्शन कोल इंडिया के आईपीओ की वजह से नहीं है। यह तो पिछले हफ्ते ही हो गया और शुक्रवार तक चलता रहा। सुंदरम म्यूचुअल के प्रमुख सतीश सुंदरम ने ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में यह हकीकत बयां की है। आज अगर आप बेचते भी हैं तो कोल इंडिया के इश्यू में आवेदन के लिए आपको धन नहीं मिल पाएगा। इसलिए कोल इंडिया का तर्क देना छोटे और रिटेल निवेशकों को बेवकूफ बनाने की कोशिश है। ट्रेडर शॉर्ट हो गए और निफ्टी के 6134 पर बंद होने से फंस गए। निफ्टी के यहां तक जाने का अनुमान हमने पहले ही जाहिर कर दिया था।

दरअसल, कोल इंडिया का आईपीओ काला सोना है और यह भारत सरकार के लिए प्रतिष्ठा का मसला है। इसलिए स्वाभाविक रूप से एलआईसी के लिए बाजार को सहारा देना लाजिमी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार खुद एलआईसी इस आईपीओ में 4000 करोड़ रुपए लगा रही है। बाजार में काफी गहरा V आकार का जो करेक्शन आ रहा है, उसका मुख्य मकसद ओवरबॉट बाजार से अवांछित तत्वों को हटाना है। इसे हासिल कर लिया गया है। बल्कि बाजार में शॉर्ट सौदे ज्यादा हो गए हैं। इसलिए आगे निफ्टी और भी ऊपर का रुख करेगा।

खैर जो भी हो। यह तो अब बीती बात हो गई। आगे क्या होगा? बाजार में रोलओवर के चलते उतार-चढ़ाव होता रहेगा। इस बात को ट्रेडर और निवेशक नहीं समझ पाए हैं। रोलओवर में अब केवल आठ कारोबारी सत्र बचे हैं। इसलिए इन आठ दिनों में निफ्टी 6000 से 6280 के बीच झूलेगा और इस दौरान निफ्टी में किसी नई ऊंचाई की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।

जिंदल सॉ डीमर्जर की घोषणा कर सकती है और क्विटेग्रा और ओरैकल में गठबंधन का होना तय लग रहा है। बालासोर 1215 करोड़ रुपए का पूंजी व्यय करने जा रही है। आरआईएल ग्रुप एस्सार ऑयल में हिस्सेदारी खरीदने का इच्छुक है। इससे एस्सार ऑयल में नई तेजी आ सकती है। सुज़लॉन अचानक नई रेंज में चला गया है। एसबी इसके संचालक हैं। एफआईआई की तरफ से इस स्टॉक को कोई बड़ी बिकवाली नहीं हो रही है। इसलिए यह स्टॉक अब दोगुना हो सकता है। हम खुद गलतियां करते हैं और सबके सामने दिखाने का हल्ला मचाते हैं। ऐसा क्यों?

बहुत से लोगों की निजी जिंदगियों में भयंकर अंधेरे होते हैं। लेकिन सबके सामने वे ऐसे चौंकते हैं जैसे ऐसा तो कभी उन्होंने देखा-सुना ही नहीं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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