हम घरों के कोने-अँतरों में छोटी-बड़ी तमाम चीजों को बचाकर रखने के आदी हो गए हैं। सोचते हैं कि क्या पता, कभी काम आ जाए, जबकि सोचना चाहिए कि क्या इसके बिना हमारा काम चल सकता है।
2010-11-17
हम घरों के कोने-अँतरों में छोटी-बड़ी तमाम चीजों को बचाकर रखने के आदी हो गए हैं। सोचते हैं कि क्या पता, कभी काम आ जाए, जबकि सोचना चाहिए कि क्या इसके बिना हमारा काम चल सकता है।
© 2010-2025 Arthkaam ... {Disclaimer} ... क्योंकि जानकारी ही पैसा है! ... Spreading Financial Freedom
अपरिग्रह।
हाँ और उनको उठा कर झट से फेंक देते हैं जिन्हें सीने से लगा के रखना चाहिए – जैसे मां बाप