एफसीआई को केंद्र सरकार देगी 5000 करोड़ उधार

चालू रबी खरीद सीजन में गेहूं खरीद को सुनियोजित तरीके से आगे बढाने के मकसद से सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए 5000 करोड़ रुपए के अल्पकालिक ऋण की मंजूरी दी है। यह ऋण वर्ष 2010-11 की उसकी कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को राजधानी दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। एफसीआई इस ऋण की वापसी अगले वित्त वर्ष में करेगा। यह देखते हुए कि इस कर्ज की वापसी का समय करीब एक साल है, इस पर 364 दिन की ट्रेजरी बिल के बराबर ब्याज देय होगा।

सरकारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि वित्त पोषण की यह व्यवस्था दूसरे विकल्प की तुलना में सस्ती होगी। बाजार से नकदी जुटाने की 10.60 फीसदी ब्याज दर सीमा की तुलना में यह ऋण सस्ता पड़ेगा।

भारतीय खाद्य निगम को बैंकों के एक समूह से कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिए 34,495 करोड़ रुपए की नकद उधारी सीमा उपलब्ध है। एफसीआई अभी तक इस समूह द्वारा उपलब्ध पूरी ऋण सीमा का इस्तेमाल कर चुका है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निगम को 5000 करोड़ रुपए का अल्पकालिक कर्ज देने का फैसला किया है ताकि निगम खाद्यान्न की वसूली और भंडारण कार्य कर सके।

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