रिजर्व बैंक ने भले ही सीआरआर को 6 फीसदी पर लाकर बैंकों से 12,500 करोड़ रुपए की तरलता खींच ली है। लेकिन अब भी सिस्टम में इतना धन है कि हाल-फिलहाल ब्याज दरों में किसी वृद्धि के आसार नहीं हैं। यह कहना है देश की सबसे बड़ी हाउसिंग कंपनी एचडीएफसी की प्रबंध निदेशक रेणु सूद कर्नाड का। उनका कहना था कि बाजार में रेपो व रिवर्स रेपो में इतनी ही कमी की उम्मीद थी। लेकिन सीआरआर मेंऔरऔर भी

यूं तो मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक ठीक-ठीक क्या उपाय करेगा, इसका सटीक अनुमान लगाना लगभग नामुमकिन होता है। लेकिन आज तो कमाल हो गया जब सूत्रों से मिले इशारे, बातचीत और विश्लेषण के आधार पर अर्थकाम की तरफ से पेश की गई खबर एकदम सही साबित हो गई। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2010-11 की मौद्रिक नीति में रेपो, रिवर्स रेपो और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 25 आधार अंकों या 0.25 फीसदी की वृद्धि करऔरऔर भी

देश की तीसरी सबसे बड़ी सैनिटरीवेयर कंपनी सेरा सैनिटरीवेयर ने वित्त वर्ष 2009-10 में 31.37 रुपए का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) हासिल किया है, जबकि 2008-09 में उसका ईपीएस 21.15 रुपए था। कंपनी के अन-अंकेक्षित परिणामों के मुताबिक वित्त वर्ष 2009-10 में उसकी बिक्री 20 फीसदी बढ़कर 191.39 करोड़ रुपए हो गई है, जबकि शुद्ध लाभ 49 फीसदी बढ़त के साथ 19.53 करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी बिक्री 159.52 करोड़औरऔर भी

रविवार को दोपहर बाद दुबई की गुमनाम ब्यूटीशियन सुनंदा पुष्कर ने आईपीएल की कोच्चि टीम की मालिकों में शुमार रॉनदिवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड में मुफ्त में मिली 18 फीसदी इक्विटी पर अधिकार छोड़ने का ऐलान कर दिया तो रात गहराते-गहराते उनके करीबी दोस्त व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर भी मंत्रिमंडल से निपट गए। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश के बाद थरूर अपना इस्तीफा लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने बिना लालबत्ती की गाड़ी में पहुंचे। प्रधानमंत्री ने उनकाऔरऔर भी

हमारी पूंजी बाजार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) लगता है मनबढ़ हो गई है। अभी वित्त मंत्रालय की मध्यस्थता में यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी) पर बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए से हुई सहमति को एक दिन भी नहीं बीते हैं कि उनसे 9 अप्रैल के विवादास्पद आदेश से ही नया पंगा निकाल दिया है। उसका कहना है कि जिन 14 जीवन बीमा कंपनियों को उसने यूलिप के लिए सेबी में पंजीकरण जरूरी करने कीऔरऔर भी

जनाब! जीएम बैगन को छोडि़ए। आइए अब ट्रांसजेनिक चिकन का लुत्फ उठाइए। चिकन के साथ मछली का भी स्वाद लीजिए। देश में पहली बार वैज्ञानिकों ने विभिन्न जीव जंतुओं के जीन को मुर्गे व मुर्गी में डालकर प्रयोग किया, जिसमें पहली सफलता मछली के जीन वाली मुर्गी को मिली। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे चिकन की उत्पादकता बहुत अधिक बढ़ जाएगी। साथ ही इस ट्रांसजेनिक चिकन में एक नायाब किस्म का प्रोटीन मिलेगा, जो स्वास्थ्य केऔरऔर भी

देश की दूसरे सबसे बड़ी आईटी कंपनी इनफोसिस के चौथी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं। कंपनी ने 5 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 15 रुपए का अंतिम लाशांश (डिविडेंट) देने की घोषणा की है जो प्रतिशत में 300 फीसदी बनता है। अगर इसमें अक्टूबर 2009 में घोषित 10 रुपए प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश को जोड़ दें तो साल का कुल लाभांश 25 रुपए प्रति शेयर हो जाता है। पिछले वित्त वर्ष 2008-09औरऔर भी

जीवन बीमा कंपनियों के यूनिट लिंक्ड प्लान (यूलिप) पर सेबी और आईआरडीए में छिड़ी जंग आखिरकार वित्त मंत्रालय के दरवाजे पर पहुंच कर शांत हो गई। पूंजी बाजार नियामक सेबी और बीमा नियामक आईआरडीए में इस बात पर रजामंदी हो गई है कि वे इस मुद्दे पर उचित कानूनी मंच से वैधानिक जनादेश हासिल करेंगे। जब तक ऐसे किसी कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक मौजूदा स्थिति बनाए रखी जाएगी। दूसरे शब्दों में आईआरडीए ही बीमाऔरऔर भी

शेयर ब्रोकर इस कोशिश में लगे हैं कि सरकार शेयर सौदों पर लगनेवाले सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को कम कर दे। एसटीटी को 2004-05 से लागू किया गया है और इनकी मौजूदा दर 0.125 फीसदी है। यह खरीद-बिक्री दोनों ही तरह के शेयर सौदों पर लगता है। अपनी मांग लेकर ब्रोकरों का प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मिलने वाला है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक रवि नारायण ने एक समारोह के दौरान मीडिया सेऔरऔर भी

सरकार ने सचमुच में ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ ही डाला है। पशुओं के चारा विकास के लिए उसने प्रति पशु सिर्फ सवा दो रुपये का प्रावधान किया है। इसी मुट्ठी भर चारे से वह श्वेतक्रांति का स्वप्न देख रही है। जबकि दूध के मूल्य 45 से 50 रुपये प्रति किलो पहुंच गये है। हालात यही रहे तो नौनिहालों के मुंह का दूध भी छिन जाएगा। बजट में चारा विकास, उन्नतशील बीज, चारागाहों को बचाने और उनकेऔरऔर भी