हां, इसे आप राहत और सुकून की रैली कह सकते हैं। अब कहा जा सकता है कि हर बढ़त पर आपको बेच लेना चाहिए। यही बात तो चार्ट हर समय फेंकते रहते हैं। निवेशकों व ट्रेडरों को चक्र के अंत में बेचने की सलाह दी जाती है। खैर, जैसी कि उम्मीद थी निफ्टी 5120 अंक के ऊपर बंद हुआ। फिलहाल, कोई कहासुनी नही क्योंकि वक्त ही हमें बतलाएगा कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। आजऔरऔर भी

आज का दिन स्टॉप लॉस के नाम रहा। निफ्टी 5200 अंक के नीचे पहुंचा तो हर तरफ सौदे काटने का सिलसिला चल निकला। चीन ने ब्याज दरें बढ़ा दी थीं और ऑस्ट्रेलिया ने मेटल के दाम। इसलिए दुनिया के बाजारों में पहले से ही थोडी कमजोरी का आलम था। बाजार को तब सदमा-सा लग गया जब ग्रीस ने कह दिया कि उसके लिए 110 अरब यूरो की रकम शायद काफी न पड़े। हमारे लिए इसका क्या मतलबऔरऔर भी

बाजार में अगर 170 अंक का करेक्शन आया तो यह कोई दुनिया से अलहदा बात नहीं थी क्योंकि दुनिया के बाजारों में इससे ज्यादा गिरावट आई है। एक बार फिर देखा गया कि बाजार गिरने के अंदेशे में लोग शॉर्ट सौदे करने लगते हैं, बगैर इसकी परवाह किए कि अभी देश में कितनी बढ़त और खरीद की संभावना है। चीन अपना सीआरआर (बैंकों की जमा का वह हिस्सा जो उन्हें देश के केंद्रीय बैंक के पास नकदऔरऔर भी

आप में और मुझ में क्या अंतर है? मैं जो हो रहा है, उसे देखता हूं, समझता हूं और उसके हिसाब से सलाह देता हूं, जबकि आप सलाह मिलने के बाद भी वही करते हैं जो स्क्रीन बताता है। थोड़े में कहूं तो आपको अपने ही ऊपर भरोसा नहीं है। जब बाजार 300 अंक गिर गया तो आप निचले भावों पर खरीद के बजाय बाजार के दबाव में आ गए और घाटा खाकर भी शेयर बेच डाले।औरऔर भी

सेटलमेंट से पहले अतिशय डर के कारण कल बाजार में कुछ ज्यादा ही ऊंच-नीच हो गई। समस्या नजरिए के साथ नहीं थी। समस्या थी अप्रैल के साथ-साथ मई के फ्यूचर्स में आपकी देनदारी की। आपके ब्रोकर कल ही आपको जिबह कर चुके थे तो आज बाजार या निफ्टी में और कमजोरी आने का कोई कारण नहीं था। मैं अब भी इसी सोच पर कायम हूं कि निफ्टी 5440 के स्तर पर पहुंचेगा। मैं यह भी मानता हूंऔरऔर भी

बाजार ने आज सुबह से ही धमाचौकड़ी दिखाई। बीएसई सेनसेक्स 310.54 अंक (1.76 फीसदी) और एनएसई निफ्टी 92.90 अंक (1.75 फीसदी) गिरकर बंद हुए। सच कहूं तो बाजार के इस रवैये को देखकर मुझे जरा-सा भी अचंभा नहीं हुआ। मेरा मानना है कि न तो पुर्तगाल और न ही ग्रीस का कोई असर भारतीय बाजार पर पड़नेवाला है। बल्कि यूरोप, चीन, अमेरिका या कोरिया में जो भी गड़बड़ होगी, वह भारत के फायदे में है। मेरे इसऔरऔर भी

कल मेंने निफ्टी में सबसे बड़ा रोलओवर देखा जो साफ-साफ बताता है कि बाजार अब तेजड़ियों के कब्जे में आ गया है। मानसून का पहलू बाजार को कई तरीके से प्रभावित कर रहा है। अच्छे निवेश के आगम से बाजार अब काफी ऊंचाई तक पहुंचने का रुख कर रहा है। हम वित्त वर्ष 2009-10 को पीछे छोड़ रहे हैं और यकीनन यह शानदार विकास का साक्षी रहा है। अब हम नए वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनियों कीऔरऔर भी

आज लिखने को बहुत कुछ नहीं है। बाजार में बढ़त दर्ज की गई है। लेकिन सब लस्मट-पस्टम ही था क्योंकि रोलओवर चल रहा है। मेटल क्षेत्र के शेयरों के अलावा बाकी कहीं कोई चमक नहीं दिखी। मेटल शेयरों में शुक्रवार को करेक्शन आ चुका था, इसलिए आज रोलओवर के दौरान उनमें सुधार का सिलसिला चला। हालांकि बी ग्रुप के शेयरों में सक्रियता साफ नजर आई। जेवीएल, एनकेआई, एडसर्व, हरियाणा शिप ब्रेक, केईडब्ल्यू, वारेन टी, एलनेट, पीबीएम पॉलिटेक्सऔरऔर भी

बाजार (बीएसई सेंसेक्स) आज 120 अंक बढ़कर बंद हुआ। मेरे अनुमान के अनुरूप ग्रीस का मसला बाजार के लिए बेमानी निकला और निफ्टी 5300 ही नहीं, उसके ऊपर का स्तर भी पार कर गया। बैंकिंग क्षेत्र में सक्रियता रही, खासकर आईडीबीआई में आग-सी लगी रही। एसबीआई ने यकीकन रैली की अगुआई की, लेकिन महंगा होने के कारण यह ट्रेडरों की पहुंच से बाहर है। जेपी और लार्सन भी अच्छे-खासे जोश में नजर आए। निफ्टी में 5440 कीऔरऔर भी

आज का दिन हमारी पूरी टीम के लिए सबसे ज्यादा तसल्ली का दिन रहा। हमने सुबह के नोट में निफ्टी में 5325 का लक्ष्य रखा था और यह पूरा हो गया। दरअसल, हम तो निफ्टी के 5316 अंक पर पहुंचने पर निकल गए। हम जानते थे कि 5320 के ऊपर पहुंचते ही शॉर्ट कवरिंग शुरू हो जाएगी, लेकिन गारंटी नहीं थी कि यह स्थिति कब तक रहेगी। फिर 2 बजकर 55 मिनट पर ग्रीस पर चढे कर्जऔरऔर भी