पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने तय किया है कि किसी भी नए एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और उनके सब-एकाउंट को पंजीकरण के समय यह घोषणा करनी पड़ेगी कि वह चंद निवेशकों के लिए काम करनेवाली पीसीसी (प्रोटेक्टेड सेल कंपनी) या एसपीसी (सेग्रिगेटेड पोर्टफोलियो कंपनी) नहीं हैं और न ही दूसरा नाम रखकर वह ऐसा कोई काम करता है। साथ ही अगर कोई एफआईआई व्यापक निवेशकों के आधार वाले एमसीवी (मल्टी क्लास वेहिकल) के रूप में कामऔरऔर भी

अभी देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के सस्ते होमलोन की स्कीम 30 अप्रैल तक बढ़ाने के जवाब में किसी भी दूसरे बैंक को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था कि आज देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी ने धमाका कर दिया। उसने दोहरी ब्याज दर वाली होमलोन की नई स्कीम पेश कर दी है। इसके तहत 31 मार्च 2011 तक ग्राहक से 8.25 फीसदी सालाना ब्याज लिया जाएगा और फिर 1 अप्रैल 2011 सेऔरऔर भी

मार्च महीने में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 9.9 फीसदी हो गई है जो पिछले सत्रह महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। यह फरवरी माह में 9.89 फीसदी थी। केंद्र सरकार की तरफ आज जारी किए आंकड़ों के मुताबिक इस मार्च में चीनी की कीमतें पिछले मार्च से 48.75 फीसदी और दालों की कीमतें 31.40 फीसदी अधिक हैं। मुद्रास्फीति की दर में 0.01 फीसदी बढ़त की खास वजह यही है। बता दें किऔरऔर भी

ज्यादातर भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश करने से घबराते हैं। ऐसा इसलिए कि एक तो उन्हें इसमें भारी जोखिम नजर आता है, दूसरे वे जानते ही नहीं कि निवेश का यह माध्यम काम कैसे करता है। यह बात रिसर्च व विश्लेषण से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय फर्म बोस्टन एनालिटिक्स की ताजा रिपोर्ट से सामने आई है। बोस्टन एनालिटिक्स ने पिछले महीने देश के 15 शहरों में तकरीबन 10,000 लोगों से बातचीत के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। रिपोर्ट काऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी की तरफ से 14 जीवन बीमा कंपनियों को कोई भी नया यूलिप प्लान लाने से रोक दिए जाने के बावजूद न तो बीमा क्षेत्र के नियामक आईआरडीए और न ही निजी बीमा कंपनियों में कोई खलबली मची है। आईआरडीए के आला अफसर छुट्टी मना रहे हैं। जीवन बीमा कंपनियों के साझा मंच लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल की तरफ से उसके प्रमुख एस बी माथुर ने इतना भर कहा है कि मौजूदा यूलिपधारकों कोऔरऔर भी

हमारी पूंजी बाजार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) लगता है मनबढ़ हो गई है। अभी वित्त मंत्रालय की मध्यस्थता में यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी) पर बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए से हुई सहमति को एक दिन भी नहीं बीते हैं कि उनसे 9 अप्रैल के विवादास्पद आदेश से ही नया पंगा निकाल दिया है। उसका कहना है कि जिन 14 जीवन बीमा कंपनियों को उसने यूलिप के लिए सेबी में पंजीकरण जरूरी करने कीऔरऔर भी

ठीक एक हफ्ते बाद आज ही के दिन भारतीय रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष 2010-11 की सालाना मौद्रिक नीति घोषित करेगा। इसलिए वह क्या करेगा क्या नहीं, इसको लेकर कयासों का दौर तेज होने लगा है। आज वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाओं के सचिव आर गोपालन ने कहा कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति थोड़ा और कठोर बना सकता है। वे राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बता दें कि रिजर्व बैंक स्वायत्त नियामकऔरऔर भी

जनाब! जीएम बैगन को छोडि़ए। आइए अब ट्रांसजेनिक चिकन का लुत्फ उठाइए। चिकन के साथ मछली का भी स्वाद लीजिए। देश में पहली बार वैज्ञानिकों ने विभिन्न जीव जंतुओं के जीन को मुर्गे व मुर्गी में डालकर प्रयोग किया, जिसमें पहली सफलता मछली के जीन वाली मुर्गी को मिली। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे चिकन की उत्पादकता बहुत अधिक बढ़ जाएगी। साथ ही इस ट्रांसजेनिक चिकन में एक नायाब किस्म का प्रोटीन मिलेगा, जो स्वास्थ्य केऔरऔर भी

आप किसी भी जीवन बीमा कंपनी से कोई भी यूलिप पॉलिसी खरीदिए चाहे बच्चों के लिए, चाहे अपने बुढ़ापे की पेंशन के लिए, उसके दस्तावेज में सबसे ऊपर लिखा रहता है कि ‘इस पॉलिसी के अंतर्गत निवेश पोर्टपोलियो में निवेश का सारा जोखिम पॉलिसीधारक का है।’ यूलिप में प्रीमियम का तकरीबन 98 हिस्सा इक्विटी या ऋण प्रपत्रों में लगाया जाता है। यही वजह है कि 2008 में शेयर बाजार में गिरावट के बाद यूलिप में पॉलिसीधारकों काऔरऔर भी

सरकार ने सचमुच में ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ ही डाला है। पशुओं के चारा विकास के लिए उसने प्रति पशु सिर्फ सवा दो रुपये का प्रावधान किया है। इसी मुट्ठी भर चारे से वह श्वेतक्रांति का स्वप्न देख रही है। जबकि दूध के मूल्य 45 से 50 रुपये प्रति किलो पहुंच गये है। हालात यही रहे तो नौनिहालों के मुंह का दूध भी छिन जाएगा। बजट में चारा विकास, उन्नतशील बीज, चारागाहों को बचाने और उनकेऔरऔर भी