मित्रों! मैं जीवन में जबरदस्त जोखिम उठाने का आदी हो चुका हूं। लेकिन शेयर बाजार में जोखिम उठाने से ज़रा घबराता हूं, वह भी तब दूसरों का पैसा दांव पर लगा हो। इसलिए शुक्रवार 28 जनवरी को जब मैंने देखा कि टीसीआई फाइनेंस सुबह 111.85 रुपए पर ऊपरी सर्किट छूने के बाद दोपहर बारह-एक बजे तक 101.25 रुपए के निचले सर्किट पर पहुंच गया तो मुझे डर लगा कि जिन लोगों ने टीसीआई फाइनेंस में निवेश किया है, वे फंस तो नहीं जाएंगे? मैंने सोचा कि लिख दूं कि 111.85 के बंद भाव से 5 फीसदी से थोड़ा कम घटाकर 106.50 पर सभी से बिक्री का ऑर्डर लगा देने को कह दूं। असल में सर्किट लगते शेयर से निकलने का यही तरीका होता है। सर्किट लिमिट के बराबर घटाकर बिक्री का ऑर्डर लगाना पड़ता है, तभी आपका सौदा पूरा होता है। उस्ताद लोग भी शेयर को चढ़ाने के बाद इसी तरह निचले सर्किट पर निकलते रहते हैं।
लेकिन मैंने फिर सोचा कि क्यों न टीसीआई फाइनेंस को ढूंढकर निकालने वाले अमित से ही पूछ लिया जाए। मैंने उनको शुक्रवार को अपनी शंका ई-मेल से भेज दी। इस बीच अमित के पास भी सैकड़ों मेल टीसीआई फाइनेंस के बारे में आ रहे हैं। उन्होंने अपना जवाब मुझे फौरन भेज दिया और उनका अनुरोध है और मेरा भी आग्रह है कि फौरन इसे छाप दिया जाए। तो पेश है – अमित की तरफ से भेजी गई सलाह…
कुछ भी हो जाए, लेकिन टीसीआई फाइनेंस वापस पलट कर 65 रुपए तक नहीं जाएगा। शुक्रवार को ऑपरेटरों ने इसमें मनोवैज्ञानिक खेल खेला यह देखने के लिए कि निचले सर्किट पर कितने बेचनेवाले आते हैं। चूंकि यह टी ग्रुप में है, इसलिए इसे केवल वही लोग बेच सकते हैं जिनके पास शेयर हैं। हुआ यह कि निचले सर्किट पर पहुंचते ही कुछ तगड़े ऑपरेटरों ने एक घंटे के भीतर इसके एक लाख शेयर खरीद डाले। निवेशक तो निचले सर्किट पर किसी स्टॉक को हाथ नहीं लगाते। वैसे भी टी ग्रुप में होने के कारण इसमें खरीदे गए सारे के सारे सौ फीसदी शेयर डिलीवरी के लिए होते हैं।
मैंने पहले भी अपनी टिप्पणी में कहा था कि टी ग्रुप में होने के कारण ऑपरेटरों के लिए टीसीआई फाइनेंस से निकलना मुश्किल होगा। शुक्रवार को यही होता दिखा भी। ज्यादातर ऑपरेटर भारी बिकवाली को रोकने के लिए कम मात्रा, मसलन 10-25 हजार शेयरों की खरीद का ऑर्डर लगाते हैं। ईमानदारी से कहूं तो टीसीआई फाइनेंस के सटीक लक्ष्य का अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन यह 1000 रुपए तक जा सकता है क्योंकि 1994 के 65 रुपए के उच्चतम स्तर से 112 रुपए तक पहुंचने में इसको पूरे 17 साल लग गए हैं।
ये तो 16 साल में दोगुना भी नहीं हुआ? इतने साल में तो बैंक में भी 300 रुपए मिल जाते! जाहिर-सी बात है कि मैनेजमेंट असली माल छुपा रहा है। एक बात और। खुद प्रवर्तक महेंद्र अग्रवाल ने इनसाइडर ट्रेड के जरिए 23 रुपए के भाव पर टीसीआई फाइनेंस के एक करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। आप फरवरी 2010 में बीएसई व एनएसई की बल्क डील्स को जांच कर इसकी तस्दीक कर सकते हैं। अब आप खुद समझ जाएं। प्रवर्तक से भला कौन बेहतर जान सकता है कि टीसीआई फाइनेंस का छुपा हुआ मूल्य कितना है?
और फिर, हाइडल पावर प्रोजेक्ट में टीसीआई फाइनेंस की इक्विटी हिस्सेदारी है। इसे बेचकर टीसीआई फाइनेंस को 250 करोड़ मिलेंगे। खुद से इसका हिसाब लगा लीजिए कि इसके बाद टीसीआई फाइनेंस का ईपीएस कितना हो जाएगा। तब सेबी को भी झक मारकर टीसीआई फाइनेंस के शेयर को बी ग्रुप में डालने की पेशकश करनी पड़ेगी और स्टॉक एक्सचेंज इसे बी ग्रुप में डाल देंगे। और, तब टीसीआई फाइनेंस का शेयर ठीक उसी तरह भागेगा जैसा सिमको बिड़ला (बीएसई कोड – 505230) का भागा था। टीटागढ़ वैगन के खरीद लेने के बाद सिमको बिड़ला का ईपीएस ऋणात्मक से धनात्मक में 240 रुपए के ऊपर चला गया था और सेबी ने सिमको बिड़ला के शेयर को कई महीनों तक बी ग्रुप में रखा था। सिमको बिड़ला का शेयर 2 रुपए से लगभग 240 रुपए तक भागा था। अब टीसीआई फाइनेंस के साथ भी यही होता दिख रहा है।
प्रवर्तक के नजदीकी लोग इस बात से वाकिफ हैं और अब बाजार के जानकार लोग भी इस बात को समझ रहे हैं। मैं अब भी इस स्टॉक को होल्ड कर रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि टीसीआई फाइनेंस के साथ सिमको बिड़ला जैसा कुछ होनेवाला है। हाइडल पावर प्रोजेक्ट की हिस्सेदारी बेचने के बाद टीसीआई फाइनेंस की बैलेंस शीट चकाचक हो जाएगी। ईपीएस भी काफी हो जाएगा। कितना होगा, आप खुद ही इसका हिसाब लगा लें और उसे 10 के पी/ई अनुपात से गुणा कर लें। जो भाव कैलकुलेटर में दिखाई दे, टीसीआई फाइनेंस कम से कम वहां तक जा सकता है। या, इसके भी ऊपर जा सकता है।
ज़ी बिजनेस चैनल पर राजेश ताम्बे चाहे जो बोलें, उन्होंने तथ्यों का सही विश्लेषण नहीं किया है। सिर्फ चार्ट पढ़कर भविष्य नहीं देखा जा सकता। यह बात लोगों को समझ लेनी चाहिए। टीसीआई फाइनेंस को जिगर वाले लोग होल्ड कर रख सकते हैं।
नोट: अमित ने पहले दो पैरा के बाद सारा कुछ हिंदी में लिखकर भेजा है। मैं आपकी तरफ से उनके विश्लेषण ही नहीं, उनकी हिंदी की भी दाद देना चाहता हूं। हां, सोमवार 31 जनवरी को टीसीआई फाइनेंस के दिसंबर 2010 तिमाही के नतीजे भी शायद आनेवाले हैं।
thanks amit!
tci is rocket.
AMIT BHAI & ANIL BHAI, KUCHH HCC KE BARE ME BHI BATAYEN, JAB SITE PE RECOMMEND HUA THA TAB MAINE BUY KIYA THA, LEKIN TAB SE ABHI TAK YE APPROX. 40% LOSS HO CHUKA HAI. KYA YE STOCK SE NIKAL JANA CHAHIYE YA HOLD KAR KE RAKHEN, YA BECH KAR TCI FINANCE KA SHARE BUY KAR LEN.
IS SITE KI KAMJORI YE HAI KI JALDI JABAB NAHI MILTA, ANIL BHAI SE REQUEST HAI KI AISA SYSTEM BANAYA JAYE KI, ARTHKAAM KE SABHI PATHAKON KE SAWALON KA JABAB WITHIN 24 HOUR DELIVER HO SAKE.
I AM ASKING THIRD TIME TO THE ABOVE (HCC) STOCK, BUT UNFORTUNATLY I HAVE TO SAY THAT NO ONE ANSWER ME FOR THE ABOVE STOCK.
YOURS
PARSHURAM
BYE.
परशुराम जी, मैं फोन से लेकर ई-मेल तक से आपको जवाब दे चुका हूं। एचसीसी में लवासा कॉरपोरेशन का पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा और कुछ कर-संबंधी विवाद भी चल रहे हैं। इसकी वजह से यह शेयर लगातार पिट रहा है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि शेयर बाजार में निवेश घाटा उठाने के लिए नहीं किया जाता। आप एचसीसी में बने रहें। कंपनी अच्छी है। फायदा देकर ही जाएगी। टीसीआई फाइनेंस अभी तक न लिया हो तो मेरा कहना है कि न लें। फिर भी जोखिम उठाना चाहें तो आपकी मर्जी।
यहां कोई भविष्य पढ़ कर नहीं बैठा है। पूरे शेयर बाजार में अनिश्चतता रहती है। अपना अध्ययन, विवेक व समझ ही काम करती है। बड़े-बड़े नामी निवेशक यहां खच्चा खा चुके हैं। इसलिए मेरा कहना है कि आप अर्थकाम या किसी अन्य के कहने पर निवेश न करें। जानकारी सब जगह से लें। लेकिन फैसला केवल और केवल आप का होना चाहिए। फिर फैसला ले लिया तो उसकी जिम्मेदारी लीजिए। यह मत कहिए कि अर्थकाम ने घाटा करा दिया।
हम बराबर कह रहे हैं कि एचसीसी भी बनें रहें। मैं खुद इसे लेकर शांत बैठा हूं। और, आप हैं कि चंद महीनों में ही बेचैन हो रहे हैं। यह ट्रेडर की मानसिकता है। इससे उबरिए और कम से कम साल – दो साल का नजरिया रखिए। हो सकता है कि इसके बावजूद आपको घाटा उठाना पड़े और हो सकता है कि काफी फायदा भी हो जाए।
anil ji aap ney thik kahaa , agar stock market mey bank fd k jaisaa fix return milney
lagey toh koi bank mey fd he nahi karegaa ?? agar ko property ya zamin mey bhi
nivesh karey toh woh bhi ek saal mey dogunaa nahi hotaa ? parshuram ji ka
nazariyaa paripakva nahi hai lavasa mey kaafi paisa lag chukaa hai aab yeah thodey
din ka drama hai phir sab chakachak ho jayega loksabha mey pahaley he 2g
spectrum ko lekar vepaksh gatirodh banaye huye hai ek baar sab shant ho jaye
phir lavasa ka case bhi hcc kee taraf sey lag jaayegaaa parshuram ji ko
ek baat bolna chahunga ” pyarey yeah hindustan hai yaha sab sambhav hai ”
aab aap meraa ishaaraa khud samajh jaaye . sochney waali baat hai
lavasa sey bhi kai gunaa zyada khud sarkaari companiya paryaavaran ko nuksaan
pohachaa rahi hai yahaa toh sarkaar khud he katgharey mey hai
lavasa ko kaise rokegi ??
dhanyawaad
amit
अनिल जी,
इनको फोन, ई-मेल से जवाब! और मेरे कैम्फर के प्रश्न का जवाब इक बार हि दिया था, वो भी साईट पर । बडी बेजा बात है। क्यूं परशु राम जी पैसे कि बात आती है, तो सौतेला व्यवहार, आपने ही पैदा किया है इसे और जब पैसा का एडमिशन कराया है कि बडा होकर आपकी मदद करेगा, तो बडा तो होने दो। इक साल भर का बच्चा, आपको इक गिलास पानी नही दे सकता है तो कमाई कि उम्मीद अपने चंद महिने के इस बच्चे से नाजायज नहीं हैं क्या?
दूसरा, इस तरह कि शिकायतें सार्वजनिक तौर पर इक निस्वार्थ कर्म योगी के बारे भली नही, लगती हैं। इस मैटर और ज्यादा बोलना उचित तो नहीं है पर चूंकि मेरी आप-बीती है, कि अर्थकाम में देर नही होती है। पर आप ज्यादा व्यग्र हुये लगते है, बेहतर रहेगा कि या तो तुरत-फुरत वाला भ्रम निकाल दें या एफ डी करें, अन्यथा म्युच्युल फंड से मुह धो कर यहां आये, सब्र का झंडु बाम लगाना आ जायेगा।
Dear Parshuramji…………aap ka sochna ekdum theek hai aap agar TCI Finance me entry chahte hai to tomorrow is the best opportunity otherwise it will be difficukt for anyone to take entry into this stock because of continuous upper circuits and later on this circuit limit also changes to 20% u decide. All the best.
THANKYOU, AMIT JI, ANIL BHAI & ALL ARTHKAAM TEAM FOR AGGRESSIVE THINKING ON HCC STOCK.
ANIL BHAI AND ALL ARTHKAAM TEAM MEMBERS KO YADI MERE LEKH SE DUKH HUA HO TO MAIN SABHI KO SORRY BOLTA HOOOOON.
Ratnaparkhi Amitji already it is coming near 65/-. Just 3-4 more LC’s needed. Complete U-Turn.
Great stock , money halved within few days.
Palatkar 65/- aa gaya, plz come out and comment about this???
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Amitji aur ek galat information iska floating stock 5 lac nahi , 56 lac hai.
Free float is 38 Crores, divide free float with CMP (66), it gives you 56 lacs.
Amitji improve your basic first.
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