कहते हैं सहज बनो। लेकिन कैसे बनें? सहजता के तो अलग-अलग सोपान हैं। सियार के लिए हुंआना सहज है तो गधे के लिए लोटना। इसी तरह हर इंसान के लिए सहज होने का मायने-मतलब अलग है।
2010-09-09
कहते हैं सहज बनो। लेकिन कैसे बनें? सहजता के तो अलग-अलग सोपान हैं। सियार के लिए हुंआना सहज है तो गधे के लिए लोटना। इसी तरह हर इंसान के लिए सहज होने का मायने-मतलब अलग है।
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सहज बनना कठिन है।